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उमरिया में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे चंदिया वन परिक्षेत्र में हाथी ने तीन लोगों को कुचल दिया था। इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। उस हाथी को रविवार शाम खितौली के जंगल से पकड़ लिया गया। फिलहाल, उसे पेड़ से बांधकर रखा गया है।
इधर, 10 हाथियों की मौत के मामले में रविवार शाम को सीएम डॉ. मोहन यादव ने वन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की। सीएम ने लापरवाही बरतने वाले फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और पनपथा एसडीओ फतेह सिंह निनामा को सस्पेंड करने के आदेश दिए।
सीएम ने हाथियों के दल के स्थायी प्रबंधन के लिए टास्क फोर्स बनाने के भी आदेश दिए। इसमें विशेष प्रबंधन के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस को शामिल किया जाएगा। बफर एरिया और मैदानी इलाकों की फसलों को सुरक्षित करने के लिए सोलर फेंसिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं।
ऐसी घटनाओं में जनहानि होने पर प्रदेश सरकार ने 8 लाख रुपए की आर्थिक सहायता बढ़ाकर 25 लाख रुपए देने का निर्णय लिया है। हाथियों के हमले की घटना में हुई दो व्यक्तियों की मृत्यु पर प्रदेश सरकार पीड़ित परिवारों को 25-25 लाख रुपए देगी।
ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए विशेषज्ञों को भी बुलाया जा रहा है। सीएम ने कहा कि हाथियों का दल अब स्थायी रूप से मध्यप्रदेश में रहने लगा है। प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि इसके लिए जिला प्रशासन के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
हमलावर हाथी को पकड़ने वाली टीम में 4 हाथी, 10 गाड़ियों के साथ 100 अधिकारी-कर्मचारी तैनात थे। मेडरा 2 कैंप से अधिकारी निगरानी कर रहे थे। यहां चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन वीएन अम्बाडे भी थे। बता दें कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली परिक्षेत्र से जुड़े चंदिया और धमोखर परिक्षेत्र में हाथी ने तीन ग्रामीणों को कुचल दिया था, जिससे दो की मौत हो गई और एक घायल है। घटना शनिवार सुबह एनएच-43 से लगे देवरा गांव की है। ये गांव उस सलखनिया गांव से महज 4 किलोमीटर दूर है, जहां 3 दिन में 10 हाथियों की मौत हुई थी।
गांव में सुबह करीब 8 बजे 3 हाथी घुसे। हाथियों को देखते ही अफरातफरी मच गई। नदी किनारे रतन यादव (62) हाथी के पैरों की चपेट में आ गया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई, वहीं बगदरी तलैया के पास भैरव कोल (35) को भी हाथी ने कुचल दिया, उसने भी मौके पर दम तोड़ दिया था। इसके बाद से रेस्क्यू टीम 3 हाथियों की सर्चिंग कर रहा था।

