Thursday, October 30, 2025

रेप-मर्डर केस सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई बेंच पहले ही नेशनल टास्क फोर्स की कार्रवाई से खुश नहीं

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कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। 15 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स (NTF) की वर्किंग को लेकर असंतोष जताया था। साथ ही NTF को 3 हफ्ते के अंदर डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर अपने सुझाव देने के निर्देश दिए थे।

CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने कहा था कि NTF को डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल बनाने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन ये बहुत धीमी गति से काम कर रहा है।

कोर्ट ने कहा था कि NTF की पहली बैठक 27 अगस्त को हुई थी। हैरानी की बात है कि 9 सितंबर के बाद से कोई बैठक नहीं हुई। कोई प्रोग्रेस क्यों नहीं हुई? इस टास्क फोर्स को अपने काम में तेजी लानी होगी।

वहीं, 4 नबंवर को पश्चिम बंगाल की सियालदह कोर्ट ने आरजी कर मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय कर दिए। 11 नवंबर से मुकदमे की रोजाना सुनवाई होगी।

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 8 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर किया गया था। 9 अगस्त को विक्टिम की बॉडी मिली थी। इसे लेकर डॉक्टरों ने 42 दिन तक देशभर में प्रदर्शन किया था।

4 नवंबर को सियालदह कोर्ट ने आरोपी संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। 11 नवंबर से मुकदमे की रोजाना सुनवाई होगी। पेशी के बाद पुलिस जब संजय को बाहर लेकर निकली तो पहली बार वह कैमरे पर कहता नजर आया था कि ममता सरकार उसे फंसा रही है। उसे मुंह न खोलने की धमकी दी गई है।

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने अपनी चार्जशीट में संजय रॉय को मुख्य आरोपी बताया है। इसके अलावा केस को गैंगरेप की बजाय रेप केस बताया है। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि पीड़ित के शरीर से मिला सीमन सैंपल और खून आरोपी से मैच हो चुका है। वहीं क्राइम सीन पर मिले छोटे बाल भी फोरेंसिक जांच के बाद आरोपी के बालों से मैच हो गए हैं।

CBI की चार्जशीट में 100 गवाहों के बयान, 12 पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट, CCTV फुटेज, फोरेंसिक रिपोर्ट, मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन जैसी चीजें शामिल हैं। इसके अलावा वारदात के दिन आरोपी का इयरफोन और मोबाइल ब्लूटूथ से कनेक्ट हो गया था। इसे भी चार्जशीट में अहम सबूत माना गया है।

वहीं, घटना के विरोध में 5 अक्टूबर से जारी डॉक्टरों के आमरण अनशन का जारी है। तबीयत बिगड़ने के कारण कई डॉक्टरों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है। 4 नवंबर को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ डॉक्टरों की बैठक हुई, जो बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई थी।

मीटिंग से बाहर आने के बाद पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के अध्यक्ष डॉ. कौशिक ने कहा था- कुछ नहीं हुआ, रिजल्ट जीरो। 10 दिन हो गए हैं, 4 डॉक्टर ICU में हैं और एक बहुत बीमार है। हमने सरकार से उन प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से बात करने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने कहा कि वे देखेंगे, उन्हें अनुमति की आवश्यकता होगी। वे अहंकारी हो रहे हैं।

वहीं, 26 अक्टूबर को आमरण अनशन में शामिल जूनियर डॉक्टरों के एक समूह ने अलग एसोसिएशन बनाया। उनका आरोप है कि पश्चिम बंगाल जूनियर फ्रंट के डॉक्टरों ने आंदोलन को आरजी कर घटना के लिए न्याय की मूल मांग से दूर कर दिया है और व्यक्तिगत टारगेट पर आ गए हैं। नए डॉक्टर एसोसिएशन ने अपना नाम पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन रखा गया है।

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