शिमला ,हिमाचल की राजधानी शिमला की संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण मामले में आज कोर्ट में सुनवाई होगी। संजौली मस्जिद केस में नगर निगम (MC) आयुक्त के फैसले को मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में चुनौती दी है। इस पर आज जिला अदालत में सुनवाई होगी।
मुस्लिम पक्ष से जुड़ी 3 वेलफेयर सोसाइटी ने MC आयुक्त के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका में कहा है कि MC आयुक्त कोर्ट का फैसला डिफैक्टिड है। MC आयुक्त ने यह फैसला संजौली मस्जिद कमेटी के नगर निगम को दिए हलफनामे के आधार पर दिया है।
सोसाइटी ने दावा किया कि मस्जिद कमेटी रजिस्टर नहीं है। ऐसे में उसके अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ की ओर से दिया गया हलफनामा गैर कानूनी है।
जिला अदालत में याचिका दायर करने वाली मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी पोंटा साहिब के सदस्य नजाकत अली हाशमी ने बताया है कि 3 अलग-अलग कमेटी और सोसाइटी ने जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त के फैसले को चुनौती दी है।
नजाकत अली ने दावा किया कि जिला अदालत में उनकी याचिका स्वीकार कर ली गई है। इस पर आज सुनवाई होनी है।
मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में दायर याचिका में अपील की है कि मामले में मुस्लिम समुदाय की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। ऐसे में उनका पक्ष भी सुना जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि जिला अदालत में याचिका दायर करने में मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी पोंटा साहिब, जामा मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी बिलासपुर और अलहुदा एजुकेशनल सोसाइटी दीनक मंडी शामिल हैं। इन्होंने नगर निगम आयुक्त के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है।
संजौली मस्जिद मामले में नगर निगम आयुक्त शिमला कोर्ट ने बीते 5 अक्टूबर को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने मस्जिद की 3 अवैध मंजिल हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्से को हटाने का काम भी शुरू कर दिया है।
मस्जिद की एटिक को हटाने का काम लगभग पूरा हो गया है। इस बीच मुस्लिम पक्ष ने मामले को जिला अदालत में चुनौती दी है।
वहीं, लोकल रेजिडेंट की याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट ने भी इस मामले को 8 सप्ताह के भीतर निपटाने के लिए MC आयुक्त को आदेश दे रखे हैं। लोकल रेजिडेंट ने हाईकोर्ट के आग्रह किया था कि नगर निगम इस केस को जानबूझ कर लटका रहा है। 14 सालों से कोर्ट में केस चल रहा है।