Thursday, February 6, 2025

SC की अजित-शरद पवार को नसीहत- वक्त बर्बाद न कर चुनाव हैं जाकर वोटरों को लुभाएं

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दिल्ली ,महाराष्ट्र विधानसभा के पहले नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के चुनाव चिह्न घड़ी के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अजित पवार की पार्टी को राहत दी।

हालांकि अदालत ने अजित और शरद पवार की NCP को नसीहत भी दी। कहा कि वे कोर्ट में अपना समय बर्बाद न करें, बल्कि चुनाव में जाकर वोटरों को लुभाएं। कोर्ट ने अजित गुट से कहा कि अखबारों में 36 घंटे के भीतर डिस्क्लेमर छपवाएं कि घड़ी चुनाव चिह्न का मामला कोर्ट में है।

चुनाव चिह्न विवाद पर शरद पवार गुट ने याचिका लगाई है। इसमें कहा गया कि अजित गुट अदालत का आदेश नहीं मान रहा, इसलिए उसे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में घड़ी चिह्न के इस्तेमाल से रोका जाए। साथ ही अजित गुट को नए चिह्न के लिए आवेदन करने का निर्देश दें।

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में बीते 24 अक्टूबर को भी सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने अजित पवार गुट को राहत दी थी। अदालत ने कहा था कि NCP (अजित गुट) आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में घड़ी चिह्न का इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन उसे चुनावी बैनर और पोस्टर्स में यह लिखना होगा कि यह विवाद का विषय है और कोर्ट में विचाराधीन है।​​​​​

जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने अजित पवार के वकील को निर्देश दिया था कि अजित गुट नया हलफनामा भी दाखिल करे। साथ ही चेतावनी दी कि यदि आदेश का उल्लंघन किया गया तो वह (कोर्ट) खुद ही अवमानना ​​का केस शुरू करेगी।

जस्टिस सूर्यकांत ने अजीत पवार के वकील बलवीर सिंह से कहा था- एक बार जब हमने निर्देश जारी कर दिया तो उसका पालन करना होगा। आप जवाब दाखिल करें और एक नया हलफनामा दें कि अतीत में भी आपने उल्लंघन नहीं किया है और भविष्य में भी आप उल्लंघन नहीं करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष हमारे निर्देशों का पालन करेंगे। अपने लिए शर्मनाक स्थिति न बनाएं।

अजित पवार पक्ष उन वीडियो को हटाकर सबूत नष्ट कर रहा है जो बिना किसी डिस्क्लेमर के सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए थे। वे झूठ बोलते हैं कि हर वीडियो के अंत में एक डिस्क्लेमर था। 1 नवंबर को बारामती निर्वाचन क्षेत्र से ली गई तस्वीरों से पता चलता है कि अजित पवार पक्ष के पोस्टरों में कोई डिस्क्लेमर नहीं है।

अजित पवार के बार-बार कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने के कारण उनके पक्ष को बार-बार कोर्ट में आने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। आपकी दी गई व्यवस्था फेल हो गई है। अजित पवार कहते रहते हैं कि शरद पवार हमारे भगवान हैं। वे जानते हैं कि शरद पवार के नाम और घड़ी चिह्न का उपयोग करने का क्या फायदा है। बार-बार कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हो रहा है,” घड़ी चिह्न का प्रयोग शरद पवार पिछले 36 सालों से करते आ रहे हैं।”

लोकसभा चुनाव में, शरद पवार की पार्टी ने जीत हासिल की थी। सिंघवी: चुनाव जीतने का प्रश्न नहीं है। आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार गुट को नए चुनाव चिह्न के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया जाए।

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