झारखंड, विधानसभा चुनाव के लिए झारखंड कांग्रेस ने मंगलवार (12 नवंबर) को अपना घोषणापत्र जारी किया। घोषणापत्र में पार्टी ने महिलाओं को 2500 रुपये देने, जाति जनगणना करवाने और 250 यूनिट फ्री बिजली समेत एक साल के अंदर सभी खाली पड़े सरकारी पदों को भरने का वादा किया है। इसे भरोसे का घोषणापत्र नाम दिया है। वहीं मतदान से 14 घंटे पहले घोषणापत्र जारी करने को लेकर कांग्रेस मुसबीत में फंस गई है। ‘साइलेंट पीरियड’ (चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद) में मैनिफेस्टो जारी करने पर झारखंड राज्य चुनाव आयोग ने इसे नियमों का उल्लंघन माना है। आयोग ने रिपोर्ट को इलेक्शन कमीशन को भेज दी है।
दरअसल चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद घोषणापत्र जारी करने को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र की शिकायत की थी। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने साइलेंट पीरियड में इसे जारी किया। भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। झारखंड के राज्य चुनाव आयोग ने माना है कि कांग्रेस ने ‘साइलेंट पीरियड’ में मैनिफेस्टो जारी कर नियमों का उल्लंघन किया है। आयोग ने रिपोर्ट को इलेक्शन कमीशन को भेज दी है।
इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर समय-समय पर संविधान की धज्जियां उड़ाते रहने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मतदान से पहले के 48 घंटे के दौरान साइलेंट पीरियड में कोई भी पार्टी प्रचार-प्रचार नहीं कर सकती है। कोई रैली भी नहीं हो सकती है। लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि यह जानते हुए भी मतदान से पूर्व 12 नवंबर को कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी किया है। यह दुखद है और संविधान के साथ खिलवाड़ है।”
पात्रा ने आगे कहा कि वहीं इस देश में एक ऐसा राष्ट्रीय दल है जो समय-समय पर संविधान की धज्जियां उड़ाता रहता है। मतदान से पहले के 48 घंटे साइलेंट पीरियड होते हैं। चुनाव के नियमों के अनुसार इन 48 घंटों के दौरान कोई राजनीति पार्टी चुनाव प्रचार नहीं कर सकती और ना ही अपना घोषणा पत्र जारी कर सकती है। कोई बड़ा नेता उस समय रैली नहीं कर सकता है। इस नियम से कोई भी अनभिज्ञ नहीं हैं।
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के तथाकथित दिग्गज नेता राहुल गांधी चुनाव आयोग को गंभीरता से नहीं लेते हैं। वो हमेशा चुनाव आयोग के खिलाफ कहते रहे हैं और जिस प्रकार से कल राहुल गांधी की पार्टी ने चुनाव आयोग की धज्जियां उड़ाई है। भाजपा की राज्य इकाई ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है। चुनाव आयोग को कांग्रेस के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।