पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मास्टरमाइंड कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के पुलिस कस्टडी में हुए इंटरव्यू मामले की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने अदालत को बताया है कि इस मामले में आरोपी अफसरों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। उस समय के SSP, SP, DSP और तत्कालीन CIA इंचार्ज को शोकॉज नोटिस जारी किया है। यह बात पहले ही साफ हो चुकी है कि पहला इंटरव्यू CIA खरड़ और दूसरा इंटरव्यू राजस्थान में हुआ है।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि जिन अफसरों को शोकॉज नोटिस जारी किया है। वह इस समय कहां पर तैनात है। केवल शोकॉज नोटिस ही जारी किया है। इस पर सरकार ने कहा कि कार्रवाई शुरू हो गई है। जैसे उनका जवाब आएगा, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अदालत ने कहा कि उनकी तरफ से जो जानकारी दी गई है, उसे एफेडेविट रूप में दिया जाए। वहीं, अदालत ने खरड़ सीआईए के इंचार्ज शिव कुमार के बारे में विशेष तौर पूछा कि वह कहां पर तैनात है। सरकारी वकील ने कहा कि वह रिटायर हो चुके हैं। हालांकि उन्हें एक्सटेंशन दी गई है। अदालत ने पूछा कि किस आधार पर दी गई है, इस बारे में विस्तार बताया जाए।
लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूली थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया।
लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है।
लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है।
इस बारे में इंटरव्यू के खिलाफ पिटीशन दायर करने वाले वकील गौरव ने कहा- आज सुनवाई में साफ हो गया गया कि पंजाब पुलिस में काली भेड़े हैं। जिन्होंने यह इंटरव्यू करवाया था। यह किसी आम आदमी का यह काम नहीं है। हालांकि इसे शुरू से ही दबाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने बताया कि अदालत ने तय किया है कि जो भी इस मामले शामिल होंगे, उन पर सीधे कार्रवाई होगी। वहीं, इस मामले में जो भी सुपरवाइजर होंगे, उन पर भी कार्रवाई होगी। इस मामले में डीजीपी एफिडेविट फाइल करेंगे। इस मामले की अगली सुनवाई पांच नौ को तय की गई।
गैंगस्टर लॉरेंस इस समय गुजरात की जेल में नशा तस्करी से जुडे़ केस में बंद है। उसे अहमदाबाद के साबरमती में हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया है। हाल ही में उसके पाकिस्तानी डॉन से ईद की बधाई को लेकर वीडियो कॉल की रिकॉर्डिंग भी वायरल हुई थी।