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रायपुर, 33 दिनों तक चली राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारियों की ऐतिहासिक हड़ताल को मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से हुई मुलाक़ात के बाद 10 दिन पहले स्थगित कर दिया गया था। उस समय सरकार की ओर से दावा किया गया था कि कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांगों में से 5 को मंज़ूरी दी जा चुकी है।
हालांकि, आज हड़ताल स्थगन को 10 दिन बीतने के बावजूद कोई भी सरकारी आदेश जारी नहीं हुआ है, जिससे कर्मचारियों के बीच एक बार फिर से असंतोष और आक्रोश पनपने लगा है।
अब तक नहीं हुए अमल में आदेश
स्वास्थ्य मंत्री ने स्वयं मीडिया के समक्ष वादा किया था कि स्वीकृत मांगों पर आदेश तुरंत जारी किए जाएंगे। परंतु 5% वेतनवृद्धि लागू करने और 25 बर्ख़ास्त कर्मचारियों की बहाली पर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश विभागीय स्तर पर अब तक नहीं आए हैं।
लंबित प्रमुख मुद्दे:
5% वेतनवृद्धि: कर्मचारियों की लंबित 27% वेतनवृद्धि में से 5% वेतनवृद्धि 1 जुलाई 2023 से लागू करने पर सहमति बनी थी, लेकिन अब तक इसका आदेश नहीं निकला।
25 बर्ख़ास्त कर्मचारियों की बहाली: मुख्यमंत्री से प्रतिनिधि मंडल की मुलाक़ात के बाद बहाली पर सहमति बनी थी, लेकिन अब तक कोई पत्र जारी नहीं किया गया।
मुख्य सचिव से आशाएं
कर्मचारियों ने नवनियुक्त मुख्य सचिव श्री विकास शील से विशेष अपेक्षा जताई है। वे 2011 में स्वास्थ्य सचिव रहते हुए एनएचएम कर्मचारियों के लिए आवास योजना लागू कर चुके हैं, जिससे कर्मचारी आज भी लाभान्वित हो रहे हैं।
संघ के पदाधिकारियों का बयान
एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी और प्रदेश प्रवक्ता पूरन दास ने कहा,
“मुख्यमंत्री और मंत्रीजी के सार्वजनिक आश्वासन के बावजूद अब तक कोई ठोस आदेश नहीं आया है। इससे कर्मचारियों में फिर से हताशा और नाराज़गी फैल रही है।”
उन्होंने यह भी कहा कि आज की कैबिनेट बैठक में 25 बर्ख़ास्त कर्मचारियों की बहाली पर निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।