मुंबई की धारावी बस्ती में BMC की टीम पर हमला:मस्जिद का अवैध हिस्सा गिराने गई 2 गाड़ियों में तोड़-फोड़; एक्शन पर 8 दिन की रोक

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बृह्मनमुंबई नगर निगम  के अधिकारियों की एक टीम शनिवार सुबह धारावी पहुंची। यहां महबूब-ए-सुभानी मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराया जाना था। टीम सुबह 9 बजे धारावी की 90 फीट रोड पर पहुंची। खबर लगते ही मुस्लिम समाज समेत बस्ती के लोग इकट्‌ठा हो गए और टीम को रोक दिया।

बाद में प्रदर्शनकारियों ने की दो गाड़ियों में तोड़-फोड़ कर दी। हालात संभालने के लिए बड़ी तादाद में पुलिस को तैनात किया गया है। प्रदर्शनकारियों को एक दल पुलिस और से चर्चा करने गया।

इसके बाद  ने आज डिमोलिशन एक्शन को रोक दिया है। साथ ही मस्जिद कमेटी को 8 दिन का समय दिया है।

धारावी का मुस्लिम समाज सड़कों पर प्रदर्शन करने लगा, जबकि उनका एक प्रतिनिधि दल पुलिस से चर्चा करने गया था।
धारावी का मुस्लिम समाज सड़कों पर प्रदर्शन करने लगा, जबकि उनका एक प्रतिनिधि दल पुलिस से चर्चा करने गया था।

 मस्जिद पर एक्शन करने पहुंची  की टीम ने विवाद रुकने के बाद एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया है- मस्जिद के ट्रस्टियों ने बीएमसी से अपील की है कि उन्हें कुछ समय दिया जाए। इस दौरान वे अवैध हिस्से को खुद ही हटा देंगे। बीएमसी इस पर राजी हो गया है।

 धारावी की जिस 90 फीट रोड पर यह मस्जिद बनी है, वह पुलिस स्टेशन महज 100 मीटर दूर है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि  ने पिछले साल भी मस्जिद कमेटी को नोटिस भेजा था। लेकिन तब भी कोई हल नहीं निकला था।

इधर, कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड ने भी इस एक्शन के खिलाफ CM एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने डिमोलिशन रोकने का आश्वासन दिया है।

एशिया की सबसे बड़ी बस्ती धारावी को 1882 में अंग्रेजों ने बसाया था। मजदूरों को किफायती ठिकाना देने के मकसद से इसे बसाया गया था। धीरे-धीरे यहां लोग बढ़ने लगे और झुग्गी-बस्तियां बन गईं। यहां की जमीन सरकारी है, लेकिन लोगों ने झुग्गी-बस्ती बना ली है।

धारावी में कितने लोग रहते हैं, इसका कोई डेटा नहीं है। सिर्फ अनुमान है कि यहां की छोटी-छोटी झुग्गियों में करीब 10 लाख लोग रहते हैं। इन्हीं झुग्गियों में 13 हजार से ज्यादा छोटे-मोटे कारोबार चलते हैं। गलियां इतनी संकरी हैं कि अगर कोई बीमार हो जाए, तो अंदर स्ट्रेचर भी नहीं जा सकता है।

धारावी के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर करीब 23 हजार करोड़ खर्च होने हैं। जुलाई, 2023 में यह प्रोजेक्ट अडाणी ग्रुप को मिला था। इसमें 60 हजार से ज्यादा परिवारों को फ्री में नए घर मिलेंगे। शर्त ये है कि परिवार 1 जनवरी 2000 से पहले धारावी में रहता आया हो।

साल 2008 में ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ फिल्म के रिलीज होने के बाद इस क्षेत्र को लोकप्रियता मिली। फिल्म ने कई अवॉर्ड भी जीते। इसके बाद फिल्म गली बॉय में धारावी को दिखाया गया था।कई टूरिस्ट यहां भारत की बस्ती में रहने वालों के जीवन की झलक देखने आते हैं।

अडाणी ग्रुप ने धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (DRP) में 2000 करोड़ रुपए का निवेश किया है। मुंबई में 640 एकड़ में फैले एशिया के सबसे बड़े स्लम के रीडेवलपमेंट के लिए अडाणी ग्रुप और महाराष्ट्र सरकार साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इस जॉइंट वेंचर को अडाणी ग्रुप लीड कर रहा है, जो धारावी में रेसिडेंशियल और कमर्शियल यूनिट्स बनाने के लिए जिम्मेदार है।

जब रणवीर सिंह को पता चला कि उन्हें फिल्म गली बॉय के लिए धारावी जाकर शूट करना पड़ेगा तो वे दुविधा में पड़ गए। यहां की झुग्गी बस्तियों में शूट करने से वे कतरा रहे थे। यहां शूटिंग देखने के लिए भारी भीड़ इकट्ठा हो जाती है, उन्हें रोकने के लिए सिक्योरिटी गार्ड्स नहीं, बल्कि यहां के स्थानीय लोगों से मदद लेनी पड़ती है। रात के वक्त यहां कोई भी सिक्योरिटी गार्ड पहरा देने से डरता है।

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