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मालखरौदा। क्षेत्र में आबकारी उपनिरीक्षक कोमल सिदार की कार्यशैली को लेकर लंबे समय से स्थानीय लोगों में असंतोष बना हुआ है। कई बार शिकायतें होने और विरोध जताए जाने के बावजूद न केवल अधिकारी को उसी स्थान पर बनाए रखा गया, बल्कि अब उन्हें डभरा क्षेत्र का भी अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया है। इस निर्णय से स्थानीय जनता में नाराज़गी गहराती जा रही है और जिला अधिकारी की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
जानकारी के अनुसार, मालखरौदा क्षेत्र में आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर लगातार शिकायतें सामने आती रही हैं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री और नियंत्रण की स्थिति पर विभाग प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। ऐसे में विरोध के बावजूद उसी अधिकारी को दोहरा चार्ज दिया जाना “प्रशासनिक मनमानी” के रूप में देखा जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के बावजूद अधिकारियों के खिलाफ की गई शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की जा रही। यहां तक कि कुछ जनप्रतिनिधियों ने भी इस संबंध में उच्च अधिकारियों से तत्काल तबादले की मांग की थी, लेकिन उसका कोई असर नहीं पड़ा।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब जनता का विश्वास किसी अधिकारी पर से उठ चुका हो, तो उसे दोहरी जिम्मेदारी सौंपना गलत संदेश देता है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही दिखानी चाहिए। इसे लोग विभाग का “मनमानी निर्णय” बता रहे हैं।
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या जिला स्तर पर जनता की आवाज़ को अनसुना कर सिर्फ प्रशासनिक सुविधा को तरजीह दी जा रही है? मालखरौदा और डभरा दोनों ही क्षेत्र अब आबकारी विभाग के इस निर्णय को लेकर चर्चा में हैं, जबकि जिला प्रशासन की छवि भी सवालों के घेरे में आ गई है।

