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दिल्ली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कुछ देर में वायनाड लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करेंगी। नामांकन से पहले वे रोड शो निकाल रही हैं। प्रियंका के साथ राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा भी मौजूद हैं। प्रियंका गांधी पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने उनके खिलाफ नाव्या हरिदास को उतारा है।
लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। बाद में उन्होंने गांधी परिवार की पारंपरिक रायबरेली सीट को चुना और वायनाड छोड़ दी।
चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर की दोपहर को 13 राज्यों की 47 विधानसभा और लोकसभा की 2 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की थी। इनमें केरल की वायनाड और महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीटें शामिल हैं।
केरल की दो विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव है। पार्टी ने दोनों सीटों पर भी उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है।


वायनाड सीट छोड़ते वक्त 17 जून को राहुल ने कहा था- वायनाड और रायबरेली से मेरा भावनात्मक रिश्ता है। मैं पिछले 5 साल से वायनाड से सांसद था। मैं लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।
प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन मैं समय-समय पर वायनाड का दौरा भी करूंगा। मेरा रायबरेली से पुराना रिश्ता है, मुझे खुशी है कि मुझे फिर से उनका प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा, लेकिन यह एक कठिन निर्णय था।
वायनाड सीट छोड़ने के बाद राहुल ने वहां के लोगों के लिए पत्र भी लिखा था। पत्र में उन्होंने वायनाड सीट छोड़ने के पीछे की अपनी तकलीफ और वहां के लोगों से मिले प्यार के बारे में लिखा था। उन्होंने लिखा था कि मैं पांच साल पहले आपसे मिला था तब मैं आपके लिए एक अजनबी था, फिर भी आपने मुझ पर विश्वास किया।

राहुल के ऐलान के बाद प्रियंका ने कहा था- मुझे वायनाड का प्रतिनिधित्व करने में बहुत खुशी होगी। मैं उन्हें उनकी (राहुल गांधी की) अनुपस्थिति महसूस नहीं होने दूंगी। मैं कड़ी मेहनत करूंगी। सभी को खुश करने और एक अच्छा प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करूंगी। मेरा रायबरेली और अमेठी से बहुत पुराना रिश्ता है, इसे तोड़ा नहीं जा सकता। मैं रायबरेली में भी अपने भाई की मदद करूंगी। हम दोनों रायबरेली और वायनाड में मौजूद रहेंगे।
संविधान के तहत कोई व्यक्ति एक साथ संसद के दोनों सदनों या संसद और राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं हो सकता। न ही एक सदन में एक से ज्यादा सीटों का प्रतिनिधित्व कर सकता है। संविधान के अनुच्छेद 101 (1) में जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 68 (1) के तहत अगर कोई जनप्रतिनिधि 2 सीटों से चुनाव जीतता है, तो उसे रिजल्ट घोषित होने के 14 दिन के भीतर एक सीट छोड़नी होती है। अगर एक सीट नहीं छोड़ता है, तो उसकी दोनों सीटें रिक्त हो जाती हैं।