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कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य के ओबीसी महासमिति ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को एक ज्ञापन प्रस्तुत कर ओबीसी समुदाय को उनकी संख्या के बराबर आरक्षण देने की मांग की है। इस ज्ञापन में, महासमिति ने छत्तीसगढ़ पंचायत राज और नगर पालिका निगम संशोधन अध्यादेश 2024 में संशोधन की मांग की है, ताकि ओबीसी को भी अनुसूचित जातियों और जनजातियों के समान आरक्षण मिल सके।
ज्ञापन में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के पंचायत राज और नगर पालिका निगम संशोधन अध्यादेश के तहत, अगर अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण निर्धारित किया जाता है, तो ओबीसी के लिए आरक्षण का कोई स्थान नहीं छोड़ा जाता। महासमिति का कहना है कि इस प्रावधान से ओबीसी समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, क्योंकि वे भी सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए हैं।
ओबीसी महासमिति ने अपने ज्ञापन में यह भी बताया कि संविधान के अनुच्छेद 10(4) के तहत ओबीसी को उचित आरक्षण का अधिकार है, और 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को भी विशेष परिस्थितियों में बढ़ाया जा सकता है। इस कारण उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि ओबीसी को उनके संख्या के आधार पर आरक्षण प्रदान किया जाए।
इस ज्ञापन के साथ महासमिति ने प्रदेशभर में ओबीसी के अधिकारों की रक्षा की मांग को लेकर आगामी आंदोलन की चेतावनी भी दी है।