Saturday, February 8, 2025

छठी मैया कौन है? उसकी उत्पत्ति कहां से हुई? पढ़िए एक रोचक कथा…

Must Read

दिवाली के 6 दिन बाद शुरू होने वाले छठ पर्व के प्रति लोगों की गहरी आस्था है. छठ पूजा में छठ मैया और सूर्य देव की पूजा की जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार छठी माया सूर्य देव की बहन है. छठी माया की उत्पत्ति के पीछे एक दिलचस्प कहानी है. एक मिथक है कि सूर्य के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है. इसी कारण से सूर्य देव को अर्घ्य देकर जीवन देने के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है. साथ ही पारिवारिक समृद्धि और बच्चों की लंबी उम्र के लिए छठी मैया की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं कौन हैं छठी मैया.

छठी माता कौन है?

मार्कंडेय पुराण में कहा गया है कि ब्रह्मांड की रचना करने वाली देवी प्रकृति ने खुद को छह भागों में विभाजित किया. इनमें से छठी सबसे महत्वपूर्ण है, जिसे हम सर्वोच्च मातृदेवी कहते हैं. यह देवी भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री हैं. मार्कण्डेय पुराण के अनुसार इसका छठा अंश श्रेष्ठ माता देवी के नाम से विख्यात है, जो छठी मैया के नाम से विख्यात हैं.

Chhath Puja: छठी मैया सूर्य देव की बहन हैं

छठी माया सूर्य देव की बहन मानी जाती है. इसी कारण से छठ पूजा में भाई-बहन यानी सूर्यदेव और छठी मैया दोनों की पूजा की जाती है. छठी माया को देवसेना भी कहा जाता है. छह माताएं जन्म के बाद छह दिनों तक नवजात के साथ रहती हैं. यह बच्चों की सुरक्षा करता है.

Chhath Puja: छठी मैया बच्चों के पालन-पोषण की देवी हैं

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को बच्चों की रक्षा करने वाली देवी की पूजा की जाती है. यह पूजा भी बच्चे के जन्म के छह दिन बाद होती है. इनकी पूजा से संतान को आरोग्य, सफलता और लंबी उम्र मिलती है. छठी माया को कात्यायनी भी कहा जाता है. इनकी पूजा नवरात्रि के दौरान षष्ठी तिथि को की जाती है. माँ कात्यायी बच्चों की रक्षा करती हैं और उन्हें स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घायु प्रदान करती हैं.

Latest News

मतदान समाप्ति के 48 घण्टे पहले से बन्द हो जायेंगी मदिरा दुकानें

कोरबा 8 फरवरी 2025/नगरीय निकाय आम निर्वाचन 2025 के लिए 09 फरवरी शाम पांच बजे से सभी प्रकार के...

More Articles Like This