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अभिनेता Vikrant Massey’s, जो ‘12वीं फेल’ जैसी फिल्मों में अपनी दमदार अदाकारी के लिए चर्चित हैं, इन दिनों एक बार फिर सुर्खियों में हैं। लेकिन इस बार वजह उनकी कोई फिल्म नहीं, बल्कि उनके बेटे वरदान की परवरिश को लेकर लिया गया साहसिक फैसला है। उन्होंने हाल ही में रिया चक्रवर्ती के पॉडकास्ट शो में बेटे के धर्म को लेकर खुलकर बातचीत की।
बर्थ सर्टिफिकेट में नहीं भरा गया धर्म का कॉलम
Vikrant Massey’s ने बताया कि उन्होंने और उनकी पत्नी शीतल ठाकुर ने बेटे के बर्थ सर्टिफिकेट पर धर्म का कॉलम खाली छोड़ा है। विक्रांत के शब्दों में, “धर्म मेरे लिए जीवन जीने का तरीका है, न कि कोई टैग। हम नहीं चाहते कि हमारा बेटा किसी धार्मिक पहचान के बोझ के साथ बड़ा हो।”
“मेरा बेटा बिना लेबल के बड़ा हो”
उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने बेटे को इंसानियत, करुणा और सहिष्णुता सिखा रहे हैं, न कि कोई एक धर्म।
अगर मेरा बेटा कभी धर्म या जाति के आधार पर किसी से भेदभाव करता है, तो यह मेरी सबसे बड़ी असफलता होगी।”
बहुधार्मिक परिवार से आते हैं विक्रांत
विक्रांत का परिवार खुद भारत की धार्मिक विविधता का प्रतीक है:
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पिता: ईसाई
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मां: सिख
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भाई: मुस्लिम
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पत्नी: हिंदू
Vikrant Massey’s ने कहा, “मैं मंदिर, गुरुद्वारा और दरगाह सभी जगह जाता हूं। मुझे हर जगह शांति मिलती है। मैं धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं, एकता चाहता हूं।”
सोशल मीडिया पर मिल रही सराहना
Vikrant Massey’s का यह स्टैंड सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यूजर्स उन्हें “सोच में बदलाव की शुरुआत” और “बेबाक आवाज़” कह रहे हैं। कई लोगों ने इस फैसले को आने वाली पीढ़ियों के लिए “प्रेरणादायक और प्रगतिशील” बताया है।
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आने वाली फिल्म: ‘आंखों की गुस्ताखियां’
पर्सनल लाइफ के साथ-साथ Vikrant Massey’s अपने प्रोफेशनल करियर में भी व्यस्त हैं। उनकी अगली फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ जल्द ही रिलीज होने वाली है, जिसमें वह एक बार फिर दमदार किरदार निभाते नजर आएंगे।