हाईकोर्ट में सुनवाई के वीडियो को एडिट कर किया वायरल, न्यायालय की अवमानना का केस

Must Read

हाईकोर्ट में सुनवाई के वीडियो को एडिट कर किया वायरल, न्यायालय की अवमानना का केस

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की सुनवाई का एडिट वीडियो जारी करने और उस पर आपत्तिजनक कमेंट को लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताने के साथ ही गंभीरता से लिया है। जस्टिस गौतम भादुड़ी की डिवीजन बेंच ने साइबर सेल को निर्देश दिया है कि कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग वीडियो को एडिट कर इंटरनेट मीडिया पर जारी करने वालों और कमेंट करने वालों का पता लगाकर कार्रवाई करें। रजिस्ट्रार जनरल को निर्देशित किया है कि मामले को रजिस्टर्ड करें और आरोपितों के खिलाफ न्यायालय की अवमानना कार्रवाई भी करें।

दुर्ग जिले का एक मामला हाई कोर्ट के समक्ष आया था। इसमें पति ने अपनी पत्नी से बेटी को अपने संरक्षण में लेने के लिए याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बेटी के बयान के आधार पर पाया कि वह अपने पिता के साथ रहना चाहती है। बेटी ने कोर्ट को बताया कि उसकी मां उससे दुर्व्यवहार, गाली गलौच के साथ ही पिटाई भी करती है। मां के व्यवहार के विपरीत पिता उसे स्नेह से रखते और उसकी देखभाल करते थे। बेटी के बयान के आधार पर हाई कोर्ट ने माना कि बेटी अपने पिता के पास सुरक्षित रहेगी साथ ही खुशाल भी । इस आधार पर कोर्ट ने बेटी को पिता संरक्षण में रखने का आदेश जारी करते हुए पिताकी अपील स्वीकार कर लिया। कोर्ट की कार्रवाई लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए प्रसारित हुई थी। इसे किसी ने एडिट कर इंटरनेट मीडिया में अपलोड कर दिया है। इसके बाद इसमें कई लोगों ने गलत और अभद्र टिप्पणियां भी कीं। कोर्ट के संज्ञान में यह बात आने पर इसे बेहद गंभीर और अवमानना की श्रेणी में मानते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए।

हाई कोर्ट के डीविजन बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान के वीडियो को इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड करना और उसे लेकर कमेंट्स करना न्याय में सुधार करने में सहायता नहीं करतीं। इस तरह का व्यवहार किसी भी रूप में क्षम्य नही है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह परोक्ष रूप से अधिवक्ताओं के लिए खतरा बढ़ाता है। इससे कोर्ट की छवि धूमिल होती है। इससे बिना तथ्यों को समझे कोई भी इस तरह आसानी से कुछ भी टिप्पणी करेगा। कोर्ट ने कहा परिस्थितियों पर विचार करते हुए इस प्रकरण की साइबर सेल जांच करे व दोषियों की पहचान करे। उन पर कार्रवाई के साथ ही जरूरत पड़ने पर अवमानना नोटिस जारी किया जाए। कोर्ट ने रजिस्ट्रार (न्यायिक) को मामले को रजिस्टर्ड करने के साथ ही उचित कार्यवाही का निर्देश दिया।

Latest News

बांकीमोंगरा नगर पालिका के सेटअप और विकास कार्यों के लिए उपमुख्यमंत्री अरुण साव से मुलाकात

नवनिर्मित बांकीमोंगरा नगर पालिका के विकास कार्यों को लेकर कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल के नेतृत्व में बांकीमोंगरा नगर पालिका...

More Articles Like This