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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेज़ी से एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) आधारित स्वास्थ्य प्रणाली की ओर बढ़ रहा है। सरकार का लक्ष्य स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक कुशल, नवाचारी, समावेशी और किफायती बनाना है। इसी दिशा में प्रदेश में कई डिजिटल स्वास्थ्य पहलें शुरू की गई हैं, जिनका लाभ शहरों के साथ-साथ दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच रहा है।
टेली मेडिसिन और ई-संजिवनी से घर बैठे इलाज
एआई बेस्ड हेल्थ मॉडल के तहत टेली मेडिसिन और ई-संजिवनी सेवाओं ने स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में क्रांतिकारी बदलाव किया है। इन सेवाओं ने—
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उपचार में लगने वाली लागत
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यात्रा का समय
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चिकित्सक तक पहुंच की कठिनाइयाँ
को काफी हद तक कम किया है। अब ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज बिना यात्रा किए बड़े शहरों के विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श प्राप्त कर पा रहे हैं।
एनएचए और ABDM में यूपी की अग्रणी भूमिका
योगी सरकार के प्रयासों के चलते उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) की डिजिटल सेवाओं के सफल और तेज़ संचालन में देश का अग्रणी राज्य बन गया है।
एआई और अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग से—
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डिजिटल हेल्थ आईडी
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इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड
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अस्पतालों में क्लेम प्रोसेसिंग
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स्वास्थ्य डेटा के सुरक्षित आदान-प्रदान
जैसी सुविधाएँ और अधिक प्रभावी हो गई हैं।
एआई क्रांति का वाहक बन रहा है उत्तर प्रदेश
सीएम योगी के विजन और डिजिटल हेल्थ मिशन के एकीकृत प्रयासों के चलते उत्तर प्रदेश आज भारत में हेल्थकेयर एआई क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में प्रदेश की स्वास्थ्य प्रणाली और अधिक तकनीकी, मजबूत और सुलभ बनने जा रही है।

