नई दिल्ली। ओडिशा में एक चौंकाने वाली और अनोखी घटना घटी, जब दो एंटीसाइक्लोन की शक्तियों ने मिलकर शक्तिशाली चक्रवात दाना को धराशायी कर दिया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के वैज्ञानिकों ने बताया कि इन एंटीसाइक्लोन ने चक्रवात दाना को दोनों ओर से दबाकर उसकी ताकत खत्म कर दी, जिससे बड़े पैमाने पर संभावित विनाश टल गया। एंटीसाइक्लोन का इस चक्रवात पर असाधारण प्रभाव हुआ, जिससे ओडिशा को काफी हद तक बचा लिया गया।
शुक्रवार की सुबह करीब 1:30 से 3:30 बजे के बीच गंभीर चक्रवात दाना ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के पास पहुंचा, जहां मैंग्रोव वन ने भी उसकी शक्ति को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई। IMD वैज्ञानिक उमा शंकर दास ने कहा कि अगर ये एंटीसाइक्लोन नहीं होते तो चक्रवात के कारण राज्य के कई जिले तेज बारिश और तेज हवाओं से प्रभावित हो सकते थे।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस चक्रवात पर अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में सक्रिय एंटीसाइक्लोन का प्रभाव पड़ा। एंटीसाइक्लोन ने चक्रवात के चारों ओर उच्च दबाव का क्षेत्र बना दिया, जिससे उसका प्रभाव क्षेत्र सीमित हो गया। उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली शुष्क हवा के चलते चक्रवात दाना की ताकत कमजोर हो गई, और उसे उत्तर की ओर खिसकने पर मजबूर होना पड़ा।
इस अनोखी घटना ने ओडिशा को एक बड़ी प्राकृतिक आपदा से बचा लिया। मुख्यमंत्री ने इस प्रभावी प्रतिक्रिया और आपदा प्रबंधन को टीम वर्क और भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद बताया।