सेवा सहकारी समिति में किसके संरक्षण से हुई फर्जी नियुक्ति?

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सेवा सहकारी समिति में किसके संरक्षण से हुई फर्जी नियुक्ति?

रायपुर – छत्तीसगढ़ के नवीन जिला सक्ती में फर्जी भर्ती का नया मामला सामने आया है जहां सक्ती शाखा अंतर्गत सेवा सहकारी समिति में नियमों को ताक पर रख कर सेल्समैन की फर्जी भर्ती कर दी गई।

सूत्रों की माने तो जिस व्यक्ति की नियुक्ति की गई है वह सेवा सहकारी समिति पतेरापाली संस्था प्रबंधक महेत्तर साहू का रिश्तेदार बताया जा रहा है। सेल्समैन के पद पर हुई भर्ती को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं, जल्द ही इस मामले से जुड़े तथ्यों का खुलासा किया जाएगा।

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फर्जी नियुक्ति का असर न सिर्फ नियुक्तिकर्ता पर पड़ने वाली हैं बल्कि फर्जी नियुक्ति को लेकर पूरी समिति के साथ – साथ शाखा प्रबंधक, नोडल अधिकारी, उप पंजीयक, सहायक पंजीयक भी जांच के दायरे में आएंगे और दोषी पाए जाने पर 420 का मामला भी दर्ज हो सकता है क्योंकि किसी की नियुक्ति की कार्रवाई इन अधिकारियों के टेबल से होकर ही गुजरती है।

आपको बता दे जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा सक्ती अंतर्गत सेवा सहकारी समिति पतेरापाली के संस्था प्रबंधक महेत्तर साहू के खिलाफ कई बिंदुओं पर शिकायतें हुई है। महेत्तर साहू द्वारा संस्था प्रभारी के पद पर रहते हुए अपने पद एवं अधिकार का दुरुपयोग करते हुए स्वयं के नाम से और अपनी पत्नी ललिता बाई के साथ-साथ कई ऐसे किसानों को जिनके नाम पर पूर्व में केसीसी लोन बकाया होने के बाद भी दोबारा उन किसानों को केसीसी लोन जारी कर दिया।

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इस मामले की शिकायत हो तो गई है लेकिन जांच अब तक नहीं हो पाई है जिसके कारण महेत्तर साहू का मनोबल बढ़ा हुआ है। हालांकि शिकायतकर्ता ने साहू के खिलाफ सारे दस्तावेज के रूप में साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं। यदि कार्रवाई नहीं होती है तो फिर इस मामले पर को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी जिसमें उन सभी अधिकारियों को भी पक्षकार बनाया जाएगा जिनके टेबल तक शिकायत पहुंची है और जिन्होंने इस मामले को गंभीरता से नहीं लेते हुए कार्रवाई भी नहीं की।

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यह कोई छोटा मामला नहीं है जिसे यूं ही समझा जाए बल्कि इसमें शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने का काम कर रहा है जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के भी संरक्षण मिलने की संभावना नजर आ रही है। यही कारण है की जिम्मेदार अधिकारी महेत्तर साहू के खिलाफ कार्रवाई करने में रुचि नहीं ले रहे हैं।

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