ब्रम्हकुमारी संस्थान में दो युवतियों ने की आत्महत्या, आश्रम पर लगाए गंभीर आरोप
उत्तरप्रदेश- आगरा के प्रजापति ब्रह्मकुमारी केंद्र में दो सगी बहनों के फांसी लगाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दोनों बहनें आश्रम में हीं रहती थी। मौत को गले लगाने से पहले उन्होने एक सुसाइड नोट लिखा जिसमें आश्रम से ही जुड़े कई लोगों पर गंभीर आरोप लगाया गया है, जाते-जाते दोनों बहनें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इंसाफ दिलाने की गुहार भी लगा गई है। अपने सुसाइड नोट में उन्होने योगी आदित्यनाथ से आरोपियों को आसाराम की तरह उम्रकैद की सजा दिलाने की अपील की है। मृतक बहनों के नाम शिखा और एकता है। शिखा 32 वर्ष की और एकता 38 वर्ष की थी।आश्रम आगरा के जगनेर में स्थित है।
आगरा के आश्रम में मौत के फंदे पर झूलने से पहले दोनों बहनों ने एक सुसाइट नोट छोड़ा था। इस नोट में आगरा के जगनेर स्थित ब्रह्मकुमारी आश्रम से जुड़े कई कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। दोनो बहनों ने आत्महत्या के लिए चार लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। इन लोगों पर पैसा हड़पने और अनैतिक व्यवहार का आरोप लगाया गया है, चार में से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी दो आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है।
शिखा ने अपने सुसाइड नोट में दोनों बहनों के पिछले एक साल से परेशान होने की बात कही है और अपनी मौत का जिम्मेदार आश्रम के नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर के आश्रम में रहने वाली एक महिला को ठहराया है।
सुसाइड नोट में एकता ने लिखा,’नीरज ने केंद्र में रहने का आश्वासन दिया था। लेकिन केंद्र बनने के बाद उसने बात करना बंद कर दिया। एक साल तक हम बहनें रोती रहीं, लेकिन उसने नहीं सुनी। उसका साथ उसके पिता के अलावा ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला और ताराचंद नाम के शख्स ने भी दिया। 15 साल तक साथ रहने के बाद भी वह ग्वालियर की महिला के साथ संबंध बनाता रहा, चारों ने हमारे साथ गद्दारी की है।’
सुसाइड नोट में दोनों बहनों ने आगे लिखा है कि ‘हमारे पिता ने प्लॉट के लिए 7 लाख रुपए आश्रम से जुड़े व्यक्तियों को दिए थे। 18 लाख रुपए गरीब मताओं से लिए गए थे, जिन्हें आरोपियों ने हड़प लिया। वे लोग पैसे हड़पने के साथ-साथ महिलाओं के साथ अनैतिक काम करते हैं और दबंगई दिखाते हुए कहते हैं कि उनका कोई कुछ नहीं कर सकता।’