नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज पंचतत्व में विलीन हो गए। दिल्ली के निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया है। पूर्व पीएम को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। अंत्येष्टि के दौरान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु, पीएम मोदी, राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। अंतिम संस्कार के दौरान ‘मनमोहन सिंह अमर रहें’ और ‘जब तक सूरज चांद रहेगा मनमोहन आपका नाम रहेगा’ के नारे खूब गूंजे।
अंत्येष्टि में कई विदेशी नेता भी शामिल हुए। हालांकि, अंतिम संस्कार को लेकर सियासी विवाद भी गहरा गया। मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजघाट पर न कराने पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाए और केंद्र सरकार को घेरा। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि सरकार को संवेदनशील होना चाहिए था और उनके स्मारक के लिए जगह आवंटित करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी के निधन पर भी एक जगह आवंटित की गई थी, इसलिए सरकार को यहां भी ऐसा ही करना चाहिए था।
आम आदमी पार्टी ने भी मनमोहन सिंह का अंतिम सरकार निगम बोध घाट पर होने को लेकर एतराज जताया। पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा कि अंतिम संस्कार राजघाट पर होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि ये सिख समाज का अपमान है। बता दें कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार और समाधि स्थल को लेकर विवाद गहराया है।
दरअसल, कांग्रेस ने पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार के लिए केंद्र से दिल्ली में यमुना किनारे जगह देने का आग्रह किया था, जहां देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के स्मृति स्थल हैं। कांग्रेस की मांग थी कि वहीं मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार किया जाए और स्मृति स्थल भी बने। लेकिन केंद्र ने कहा कि इसके लिए वक्त लगता है, इसलिए निगम बोध घाट पर ही अंत्येष्टि हो।