प्रयागराज ,उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 से पहले अखाड़ों की बैठक में गुरुवार को साधु-संतों के दो गुटों मे मारपीट हो गई। मेला प्राधिकरण के दफ्तर में हुई बैठक में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी और महामंत्री हरी गिरी के साथ ही मेला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे। स्वामी हरी गिरी और वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने बीच-बचाव कर झगड़ा शांत कराया। मेला अधिकारियों ने साधु-संतों की मान मनौवल की।
मारपीट का वीडियो सामने आया है। लोग एक दूसरे को पीट रहे हैं। कुछ संत बीच-बचाव भी करा रहे हैं।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की 2021 में मौत हो गई थी। बाद में रवींद्र गिरि को अध्यक्ष चुना गया। लेकिन, एक धड़ा उन्हें अध्यक्ष मानने को तैयार नहीं है।
शुक्रवार को मेला प्राधिकरण दफ्तर में सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों के बीच जमीन आवंटन को लेकर बुलाया गया था। लेकिन, यहां अफसरों के सामने ही साधु-संत भिड़ गए।
निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास का किसी बात को लेकर एक साधु से झगड़ा हुआ। नौबत मारपीट तक आ गई। इस बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री स्वामी हरी गिरी महाराज को बीच-बचाव कर मामला शांत कराना पड़ा।
बताया जा रहा है कि ये झगड़ा अखाड़ों के दो गुटों साधु-संतों के बीच है। एक गुट बैठक के बीच हर-हर महादेव के नारे लगाने लगा। ये दूसरे गुट को नागवार गुजरा। जिसके बाद विवाद और बढ़ गया। दोनों गुटों में मारपीट होने लगी।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा- जमीन आवंटन को लेकर विवाद है। कुछ संतों की तरफ से हंगामा हुआ। महाकुंभ के लिए जमीन आवंटन को लेकर संत आपस में भिड़े, दोनों गुटों को बैठक के लिए बुलाया गया था।
निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास ने कहा- जब भी कोई मेला होता है, तो जो अखाड़े के पदाधिकारी हैं, उन्हें बुलाया जाता है। लेकिन, कुंभ मेले में ये दो तीन बार हुआ है कि पदाधिकारियों को न बैठाकर दूसरों को बैठाया जाता है।
जूना अखाड़ा का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। झगड़ा करना और विवाद करना ही उनका काम है। हमको वहां बैठने को जगह नहीं मिली, तो हमने इसकी शिकायत की। इस पर जूना अखाड़े के प्रेम गिरी ने हमला कर दिया।
महाकुंभ के लिए अखाड़ों, सांधु-संतों के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अखाड़ों और साधुओं को अच्छी लोकेशन पर अलॉटमेंट को लेकर रार होती रही है। आवंटन प्रक्रिया शुरू होने के बाद मेला प्रशासन बड़े अखाड़ों साधु-संतों से मशविरा करता है। इसी को लेकर कई बैठकें आयोजित होती हैं।
विवाद और मारपीट के बाद अब एक गुट नाराज हो गया है। हालांकि उन्हें रोक कर मेलाधिकारी और अन्य अफसर बैठक कर मान मनौवल कर रहे हैं। दूसरे गुट के साथ प्रशासनिक अधिकारी जमीन का निरीक्षण करने गए हैं कि कहां कौन चाहता है। बहिष्कार न हो जाए इसे लेकर अफसरों के हाथ-पांव फूले हैं।
पिछले महीने सीएम योगी महाकुंभ की वेबसाइट लॉन्च करने प्रयागराज आए थे। उस समय भी अखाड़ों के साथ बैठक के दौरान मामला गर्म हो गया था। सीएम के सामने ही अखाड़ों के साधु संत बहस पर उतर आए थे। तब सीएम थे तो मामला ठंडा हो गया था। अखाड़े दो गुट में बंटे हैं।