There is a lock in the community toilet building, the common people are not getting its benefits.
कोरबा। स्वच्छ भारत मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रीम प्रोजेक्ट में एक महत्वपूर्ण योजना है, केन्द्र और राज्य सरकार शहर हो या गाँव, हर घर में शौचालय निर्माण के लिए प्राथमिकता के साथ योजना बनाकर काम किया गया है। शासन प्रशासन ने कई शहर, गाँव, नगर निगम, पंचायत, विकासखण्ड और जिला को ओडी घोषित कर दिया गया है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और कहती है, जिम्मेदार लोग ही प्रधानमंत्री की ड्रीम प्रोजेक्ट को पलीता लगाने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं चाहे जनप्रतिनिधि हो या अधिकारी कर्मचारी।
हम बात कर रहे हैं कोरबा जिला के करतला विकासखण्ड के ग्राम पंचायत दादरकला की यहाँ स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 3.50000/ तीन लाख पचास हजार रुपये से सामुदायिक शौचालय का निर्माण वर्ष 2020-2021 में किया गया है लेकिन सामुदायिक शौचालय में आज तक ताला लगा हुआ है जिस मंशा से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया गया है उसका लाभ आम जनता को सरपंच जिवराखन सिंह कंवर, सचिव अर्चना भारद्वाज की उदासीनता के कारण नहीं मिल पा रहा है।
बिना उपयोग के ही खंडहर न हो जाये सामुदायिक शौचालय भवन ?
केन्द्र और राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के प्रति जिम्मेदार लोगों की उदासीनता और अपने कार्य के प्रति कर्तव्यनिष्ठा नहीं दिखाई देती है, कहीं सामुदायिक शौचालय भवन में ताला लगे- लगे खंडहर न हो जाये ऐसे भी शौचालय भवन के सामने छोटे छोटे झाड़ीयां का जंगल हो गया है। सरपंच सचिव द्वारा पंचायत के सार्वजनिक भवनों और जगहों की साफ़ सफाई पर ध्यान नही दे रहे हैं खुलेआम स्वच्छ भारत मिशन योजना की धज्जियां उड़ा जा रही है।
सरपंच का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया जिससे उनका पक्ष नही लिखा जा सका है।