Monday, June 2, 2025

सेंसेक्स-निफ्टी में आ सकती थी और भी बड़ी गिरावट कौन-सी ताकत बचा रही भारतीय शेयर बाजार को

Must Read

विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के चलते भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है। एफआईआई ने सिर्फ अक्टूबर में ही 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। हालांकि फिर भी भारतीय बाजार में वैसा हाहाकार नहीं मचा जैसा कि पहली विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बाद मचता था। आइए जानते हैं कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली का भारतीय बाजार पर सीमित असर क्यों दिख रहा है।

  1. सेंसेक्स अपने टॉप लेवल से 8 फीसदी तक फिसल गया है।
  2. घरेलू निवेशक नहीं होते तो बाजार में और होती गिरावट।
  3. अक्टूबर में DII का सबसे अधिक एक लाख करोड़ का निवेश।

एक समय था, जब विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) के बाजार से जरा सा मुंह फेर लेने से सेंसेक्स हलकान हो जाता था और बाजार में त्राहि-त्राहि मच जाती थी। कोरोना महामारी के बाद मैन्युफैक्चरिंग की तरह बाजार भी धीरे-धीरे आत्मनिर्भर बनता जा रहा है। घरेलू संस्थागत निवेशकों का बाजार के प्रति रुझान लगातार बढ़ रहा है और उनके दम से बाजार की निर्भरता एफआईआई पर से कम हो रही है।

अक्टूबर माह में ही एफआईआई ने भारतीय बाजार से एक लाख करोड़ से अधिक निकाल लिए, लेकिन बाजार फिर भी उस प्रकार के औंधे मुंह नहीं गिरा, जैसा कि पहले गिरता था। क्योंकि गत अक्टूबर माह में घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) ने घरेलू बाजार में अब तक का सबसे अधिक एक लाख करोड़ रुपए का मासिक निवेश किया।

Latest News

LIC ने मारी सबसे बड़ी बाजी: मार्च तिमाही में मुनाफे में SBI समेत सभी सरकारी कंपनियों को पछाड़ा

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में शानदार प्रदर्शन करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र...

More Articles Like This