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जिले में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की कुसमुण्डा खदान में कोयला और डीजल चोरी का गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है। ‘एक नंबर की आड़ में दो नंबर का खेल’ यहां खुलेआम जारी है, जिससे कंपनी को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। हाल ही में इस मामले से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें डीजल चोरी साफ दिख रही है।
अधिकारी और सुरक्षा बल भी बेबस
शिकायतों के बावजूद इस अवैध कारोबार पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है। कोयला चोरी के कुछ मामले ही दर्ज हुए हैं, लेकिन डीजल चोरी का पैमाना कहीं ज्यादा बड़ा है। खदान के अंदर बड़ी मशीनों और भारी वाहनों से डीजल चोरी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं। बताया जा रहा है कि इन चोरों के आगे एसईसीएल के अधिकारी, सुरक्षा अमला, केंद्रीय सुरक्षा बल और त्रिपुरा राइफल्स भी बेबस नजर आ रहे हैं।
लाखों-करोड़ों की चपत
चोरों का यह संगठित गिरोह खुलेआम खदान क्षेत्र के भीतर भारी वाहनों से डीजल निकालता है और उसे वहीं चुनिंदा गाड़ियों में खपत करा दिया जाता है। इस चोरी से एसईसीएल को हर महीने लाखों-करोड़ों की चपत लग रही है। हालांकि, कभी-कभार कार्रवाई होने पर चोरी का पैमाना कुछ समय के लिए कम हो जाता है, लेकिन जल्द ही यह फिर से तेजी पकड़ लेता है। यह स्थिति कुसमुण्डा खदान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।