निक्षय सूरजपुर हेतु एक्टिव केस चिन्हांकन का कार्य आज से शुरू

Must Read

निक्षय सूरजपुर हेतु एक्टिव केस चिन्हांकन का कार्य आज से शुरू

सूरजपुर- कलेक्टर  रोहित व्यास के निर्देशन में महाअभियान का प्रारंभ जिले में आज से किया गया। निश्चय सूरजपुर महाअभियान के अंतर्गत टीबी स्क्रीनिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाएगा। प्रथम चरण में सभी विकास खंडों के एक-एक सेक्टरों में सघन टीबी खोज अभियान के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का दल घर-घर जाकर टीबी की स्क्रीनिंग करेगा और संदेहास्पद व्यक्ति का सैंपल लेकर उसकी जांच करायेगा। सघन टीबी खोज महाअभियान में एक दिवस में स्वास्थ्य कार्यकर्ता दल 25 घरों का भ्रमण करेगा।

अगले वर्ष में जिलें के सभी पंचायतें टीबी मुक्त हो जिसके लिए वार्षिक कार्ययोजना के तहत कलेक्टर श्री रोहित व्यास के निर्देशन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर. एस. सिंह एवं जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. जे.एस. सरूता के मार्गदर्शन में महाअभियान का कार्य प्रारंभ हुआ है। शुरू किये गये महाअभियान में भैयाथान का सेक्टर भैयाथान प्रतापपुर का सेक्टर, सोनगरा, रामानुजनगर का सेक्टर देवनगर, प्रेमनगर का सेक्टर प्रेमनगर, सूरजपूर का सेक्टर सूरजपुर और ओड़गी विकासखंड से सेक्टर ओड़गी में एक्टींव केश फाइंडिंग का कार्य किया जायेगा। जिसकी निगरानी और निरीक्षण कार्य ब्लॉक एवं सेक्टर के मेडिकल आफिसर, खण्ड़ कार्यक्रम प्रबंधक तथा सिनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) करेंगे।

महाअभियान के संचालन एवं नियंत्रण हेतु जिला में कंट्रोल रूम के साथ निरीक्षण दल का गठन किया गया है। जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर. एस. सिंह, जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. जे. एस. सरूता, कार्यक्रम प्रबंधक गनपत नायक, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन के संजीत सिंह, जनेश्वर सिंह, डा. व्ही. अस्मिता राव पिरामल फाऊंडेशन से आशीष गुप्ता एवं राज नारायण द्विवेदी को रखा गया है। आवश्यकता अनुसार निरीक्षण दल में अन्य नाम भी जुड़ेगा। कलेक्टर ने कहा कि जब तक जिला के एक-एक पंचायतें टीबी मुक्त नहीं हो जाती तब तक इस कार्य को विराम नहीं दिया जायेगा। इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य करना होगा। जिन-जिन अधिकारी और कर्मचारी को दायित्व दिया गया है वो इसे नैतिक जिम्मेदारी समझकर कार्य पूर्ण करें। यह जनहितार्थ और समाज कल्याण के लिए आवश्यक है।

जिला स्तर पर इस कार्यक्रम को गति देने के लिए वार्षिक कार्ययोजना बनाया गया है। उस कार्ययोजना में क्रमशः अन्य विभागों की भूमिका और समन्वय का उल्लेख है। पंचायती राज संस्थाओं द्वारा सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु स्वस्थ गांव की परिकल्पना की गई है, जिस हेतु ग्रामीण स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों, उप स्वास्थ्य केंद्रों एवं आयुष्मान आरोग्य मंदिर द्वारा ग्राम पंचायतों के सहयोग से टीबी उन्मूलन की दिशा में संयुक्त प्रयास किए जा रहे हैं। टीबी मुक्त पंचायत अभियान के अंतर्गत इस वर्ष 117 पंचायतों ने दावा प्रस्तुत किया है। जिसके सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। टीबी मुक्त पंचायत जनता की आवाज बनें इसके लिए ग्राम सभा का ध्यान इस कार्यक्रम के प्रति आकृष्ट करने की पहल भी की जा रही है।

अभियान के अन्तर्गत एक-एक घरों में यह टीम जायेगी। सम्भावित टीबी पेसेंटों का लिस्टिंग कर उसका बलगम का जांच सुनिश्चित करवायेगी। पाजीटीव आने पर तत्काल डाट्स से जोड़ दवा प्रारंभ किया जायेगा। साथ ही निश्चय मित्र बनकर समाजसेवी व्यक्ति भी इस कार्यक्रम जुड़कर अपने स्व इच्छा से टीबी मारीज की मदद कर सकता है और टीबी मुक्त समाज बनाने के लड़ाई योगदान दे सकते हैं।

Latest News

छत्तीसगढ़ सरकार ने तय की CBI की लिमिट

छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने CBI की सीमाएं भी तय कर दी हैं। इसके तहत CBI अब प्रदेश में...

More Articles Like This