जिले में सुचारू और पारदर्शी तरीके से हुई धान खरीदी की प्रक्रिया, कलेक्टर के सतत निरीक्षण से नहीं हुई गड़बड़ी

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The process of paddy procurement in the district in a smooth and transparent manner, there was no disturbance due to the continuous inspection of the collector

जांजगीर-चाम्पा। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में जिले में धान खरीदी की प्रक्रिया बिना किसी व्यवधान और शासन के नुकसान के सम्पन्न होने जा रही है। कलेक्टर श्री सिन्हा द्वारा धान खरीदी प्रक्रिया में नजर रखे जाने और स्वयं खरीदी केंद्रों में सतत् निरीक्षण करने के साथ अपने मातहत अधिकारियों को सक्रिय रखने का ही परिणाम है कि जिले में लगभग शत प्रतिशत किसानों ने अपना धान बेच दिया है। यहीं नहीं यह कलेक्टर की दूरदर्शिता और संवेदनशीलता का परिणाम है कि बेचे गए धान का त्वरित गति से उठाव किया गया, संग्रहण केंद्रों में धान नहीं जाने से राज्य शासन के लाखों रूपए की बचत हुई है।

जिले में धान खरीदी की प्रक्रिया 1 नवंबर से 31 जनवरी 2023 तक निर्धारित की गई थी। कलेक्टर श्री सिन्हा के दिशा-निर्देशन में कुल 126 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की प्रक्रिया की गई। खाद्य अधिकारी श्री कौशल साहू से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में कुल 117109 किसानों ने धान बेचने के लिए अपना पंजीयन कराया था। पंजीकृत किसानों में से 1 लाख 13 हजार 738 से अधिक किसानों ने धान बेच भी दिया है। लगभग 97 प्रतिशत किसानों ने धान बेचा है। अभी तक जिले में कुल 46 लाख 1 हजार 29 टन धान खरीदी की गई है। खास बात यह है कि कलेक्टर ने धान खरीदी प्रक्रिया में शुरू से ही नजर बना के रखी थी। उन्होंने खरीदी प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो सके, इसके लिए अधिकारियों को अलग से निर्देश दिए थे और स्वयं भी धान उपार्जन केंद्रों में जाकर निरीक्षण करने के साथ गड़बड़ी रोकने के निर्देश दिए थे।

तेजी से हुआ धान का उठाव

धान उपार्जन केंद्रों में खरीदे गए धान का तेजी से उठाव भी किया जा रहा है। जिले में अभी तक उपार्जित धान का लगभग 98 प्रतिशत डी ओ जारी करने के साथ बेचे गए धान में से लगभग 95 प्रतिशत धान का उठाव भी किया जा चुका है। इस संबंध में मिलरों को भी तेजी से उठाव करने के निर्देश दिए गए हैं। धान उपार्जन केंद्र से धान का उठाव सीधे मिलरों को होने का असर यह हुआ कि धान संग्रहण केंद्र में नहीं रखना पड़ा। इससे शासन को संग्रहण केंद्र के लिए अतिरिक्त पैसे भी खर्च नहीं करने पड़े। इसी तरह कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया भी जारी है।

उपार्जन केन्द्र स्तर पर ही सुलझाई गई समस्या

वैसे तो धान खरीदी से जुड़ी कोई बड़ी समस्या जिले में नहीं आई, लेकिन बहुत छोटी-छोटी समस्याओं का निराकरण भी धान उपार्जन केंद्र स्तर पर कर लिये जाने से जिले में पारदर्शी तरीके से समय पर धान खरीदी लक्ष्य के अनुसार सम्पन्न हो रही है। कलेक्टर श्री सिन्हा द्वारा जिले के लगभग सभी विकासखण्ड के अनेक धान खरीदी केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। उन्होंने मौके पर किसानों से चर्चा भी किया और खरीदी केंद्रों में खरीदे गए धान के बोरों को तौल कराने के साथ भण्डारण और उठाव तथा बारिश आदि की संभावना पर बचाव के संबंध में भी लगातार निर्देश देते रहे।

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