सुप्रसिद्ध लेखक प्रेम रावत द्वारा लिखित पुस्तक के लोकार्पण समारोह ने बनाया विश्व रिकॉर्ड, लाखों की संख्या में पहुंचे श्रोता

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The launch ceremony of the book written by well-known author Prem Rawat created a world record, millions of listeners reached

शांति दूत के रूप में सुप्रसिद्ध प्रेम रावत जी ने सुप्रसिद्ध रमाबाई अंबेडकर मैदान रैली स्थल में एक कार्यक्रम में विशाल जनसमूह को संबोधित किया, जहां मैदान में उनकी नई पुस्तक “स्वयं की आवाज” के लोकार्पण का अवसर था। यह पुस्तक विश्व प्रसिद्ध प्रकाशक हॉपर कॉलिंग ने हिंदी में प्रकाशित किया। रावत जी को सुनने के लिए संपूर्ण भारत से लोग आए हुए थे। प्रेम रावत जी दुनिया भर में शांति दूत के रूप में प्रसिद्ध है, शिक्षक बेस्ट सेलिंग लेखक और मानवतावादी शख्सियत प्रेम रावत जी ने समारोह में लोगों को जीवन में शांति के बारे में बताया।

रावत जी की इस पुस्तक विमोचन समारोह को गिनीज विश्व रिकॉर्ड से नवाजा गया, जिसमें प्रेम रावत जी ने 114704 लोगों के बीच अपनी पुस्तक का विमोचन किया। इस समारोह में पहले रावत जी ने अपनी पुस्तक के कुछ पन्नों को पढ़कर सुनाया। “स्वयं की आवाज” पुस्तक अंग्रेजी पुस्तक “हियर योरसेल्फ” का हिंदी संस्करण है जो न्यूयॉर्क टाइम्स की बेस्टसेलर लिस्ट में शामिल पुस्तक है।

प्रेम रावत जी ने अपने संबोधन में जीवन में व्याप्त शोर को शांत करने के बारे में मार्गदर्शन दिया ताकि हम अपने अंदर की असली आवाज सुन सके। रावत जी कहते हैं कि शांति मानवता की सबसे बड़ी उपलब्धि है। प्रत्येक मनुष्य के अंदर शांति का भंडार है पर जीवन में इसका अनुभव किया या नहीं? यह सबसे बड़ा सवाल है। पिछले 6 दशकों से मेरी कोशिश यही रही है कि मैं लोगों को प्रेरित कर सकूं कि वे अपने जीवन में शांति का अनुभव कर सकते हैं। श्रोताओं को जीवन में मात्र विश्वास से हटकर अनुभव से जुड़ने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हम सभी एक बूंद है जिसमें समुद्र समाया हुआ है और एक दिन यह बूंद समुद्र में समा जाएगी। जब तक हम एक बूंद है उस आनंद का अनुभव कर सकते हैं। यह जीवन बार-बार नहीं मिलेगा, यदि हमारे जीवन में प्रकाश हो जाए तो हम सब भी उन उपहारों को पाएंगे जो हमें इस जीवन के रूप में मिले हैं।

प्रेम रावत जी द्वारा लिखित पुस्तकें दुनिया भर में सबसे ज्यादा पढ़ी जाती हैं, अपने संदेश को वह हमारे रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी हुई दिलचस्प किस्से कहानियां और कथा के माध्यम से आगे रखते हैं। “स्वयं की आवाज” पुस्तक में रावत जी ने दुनिया भर में अपनी यात्राओं के दौरान धार्मिक हस्तियों व नेताओं से लेकर विश्व की कड़ी सुरक्षा वाली जेल में बंद लोगों के साथ अपनी बातचीत के बारे में लिखा है। “स्वयं की आवाज” पुस्तक जीवन में भय, क्रोध और चिंता से बचने का उपाय खोजने और अपने कानों के बीच किशोर को दूर करने के बारे में है। आंतरिक शांति, सुकून व संतोष के द्वारा जीवन बदलने वाली यात्रा की शुरुआत हो सकती है।

कार्यक्रम की होस्टेस भाग्यश्री दासानी द्वारा पूछे जाने पर कि स्वयं के आवास पर ही ध्यान देने पर हम अपने आसपास के लोगों पर कैसे ध्यान दे पाएंगे और कैसे उनके दुखों को मिटा पाएंगे? इस पर प्रेम रावत जी ने कहां एक बुझा हुआ दिया दूसरे बुझे हुए दियो को नहीं जला सकता उसी प्रकार जब तक हम स्वयं को नहीं जानते तब तक हम दूसरों की परेशानियों से उबरने में उनके सहायता नहीं कर पाएंगे।

आजकल की भागदौड़ की दुनिया में जहां मनुष्य परेशान है, थका हुआ महसूस करता है, प्रेम रावत जी बताते हैं कि हर एक मनुष्य के अंदर शांति का संदेश संगीत बज रहा है इसको हम अपने ही भीतर सुन सकते हैं और शांति को प्राप्त कर सकते हैं।

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