कोरबा। जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर बसे भटगांव गांव में एक आदिवासी परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पहाड़ी कोरवा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले अमर सिंह और उनकी पत्नी मंघई बाई को 11 साल बाद संतान की उम्मीद थी। पूरा परिवार इस अनमोल खुशी के इंतजार में था, लेकिन एक लापरवाह स्वास्थ्य व्यवस्था ने सब कुछ छीन लिया।
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16 जून की सुबह मंघई बाई को प्रसव पीड़ा हुई। अमर सिंह ने किसी तरह महतारी एक्सप्रेस से उन्हें अजगर बहार स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। लेकिन वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। सिर्फ एक महिला कर्मचारी, जो शायद स्टाफ नर्स थी, ने प्रसव कराया।
अमर सिंह बताते हैं कि जब बच्चा हुआ, तब वह ठीक था। लेकिन मंघई बाई की हालत बिगड़ने लगी। वह बार-बार बेहोश हो रही थीं। उस नर्स ने उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन संजीवनी एक्सप्रेस पहुंचने से पहले ही मंघई बाई ने दम तोड़ दिया।