Saturday, April 26, 2025

Mental Health के लिए खतरा बन सकती है दिल की बात दबाने की आदत भुगतने पड़ सकते हैं कई गंभीर नुकसान

Must Read

कभी ऐसा लगा है कि आप अपनी बातों को शब्दों में ढाल नहीं पा रहे? अगर हां तो आप अकेले नहीं हैं। भावनाओं को दबाना कई बार Mental health से जुड़ी समस्याओं का संकेत होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि ताजा स्टडी इस बारे में क्या कुछ कहती है और इससे बचाव के लिए शोधकर्ता किन तरीकों को अपनाने की सलाह देते हैं।

  1. अक्सर लोग मन में उठने वाली कुछ बातों को अंदर ही दबा लेते हैं।
  2. यह आदत अच्छी मेंटल हेल्थ के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
  3. कुछ खास बातों का ख्याल रखकर आप नुकसान से बच सकते हैं।

बातचीत करना इंसानों के लिए उतना ही जरूरी है जितना सांस लेना। जब हम अपने विचारों और भावनाओं को दूसरों के साथ साझा नहीं कर पाते, तो हमारा मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। खासतौर पर जब कोई करीबी व्यक्ति हमारी भावनाओं को समझने में असमर्थ होता है, तो हम अकेलापन और निराशा महसूस कर सकते हैं।

लेकिन क्या ये सिर्फ एक संयोग है? मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि अगर ये संचार समस्याएं बार-बार होती हैं, तो शायद इसका कारण सिर्फ दूसरों की उदासीनता नहीं है। हो सकता है कि हमारी सोचने समझने की क्षमता में कोई बदलाव हो रहा हो। हाल ही में कनाडा के मैकगिल विश्वविद्यालय के एक शोध में पाया गया है कि हमारे सामाजिक संबंधों को समझने की क्षमता और हमारी मेंटल हेल्थ के बीच गहरा संबंध है।

Latest News

Akshaya Tritiya पर घर की बुकिंग कर रहे हैं? इन 5 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी बड़ी बचत

Akshaya Tritiya:  एक बेहद शुभ और पवित्र पर्व है, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इसे "अविनाशी...

More Articles Like This