|
Getting your Trinity Audio player ready...
|
सूरजपुर/ विश्रामपुर/ स्थित ज्ञानोदय मूक-बधिर विद्यालय में दिव्यांग बच्चों से मजदूरी और सफाई कार्य कराए जाने का मामला सामने आने के बाद जिले में हड़कंप मच गया है, इस मामले में अब राजनीतिक मोड भी आ गया है जहां शिवसेना ( उद्धव गुट) के द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की गई है।

शिवसेना इकाई सूरजपुर ने इस गंभीर घटना को मानवता पर कलंक बताते हुए कहा संस्था द्वारा बच्चों के साथ किए जा रहे शोषण को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016, बाल संरक्षण कानूनों और शिक्षा संबंधी नियमों का खुला उल्लंघन है।
शिवसेना ने यह भी आरोप लगाया कि विद्यालय को एसईसीएल के सरकारी आवास परिसर में अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है, जो सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग के साथ-साथ बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है।
इसी परिसर में वीणा कन्या महाविद्यालय, वीएम नर्सिंग कॉलेज और डीपीएस स्कूल सहित एक बंद पड़ा नशा मुक्ति केंद्र भी संचालित होने की जानकारी सामने आई है। इतने संस्थानों के बीच विद्यालय का संचालन और बच्चों का शोषण, पूरे प्रबंधन पर संदेह खड़ा करता है।
ज्ञापन में प्रमुख माँगें —
पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच
विद्यालय के सभी सीसीटीवी फुटेज की जब्ती
संस्थान के पंजीयन, मान्यता और वित्तीय गतिविधियों की जांच
शिक्षकों की योग्यता और पात्रता का सत्यापन
दोषी संचालक और प्रबंधन पर FIR दर्ज कर कठोर कार्रवाई
सभी मूक-बधिर बच्चों की सुरक्षा, काउंसलिंग और वैकल्पिक सुरक्षित शिक्षा व्यवस्था
शिवसेना ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन शांतिपूर्ण आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
ज्ञापन सौंपने में जिलाध्यक्ष विष्णु वैष्णव, महिला जिलाध्यक्ष पिंकी पटेल, ग्रामीण जिलाध्यक्ष हेमंत महंत, ब्लॉक अध्यक्ष मोहन सिंह टेकाम, नगर अध्यक्ष साहिल, रजनी सिंह, कौशल्या राजवाड़े सहित अनेक शिवसैनिक उपस्थित रहे।

