नागपुर ,दुबई से दिल्ली आने वाली एअर इंडिया फ्लाइट में कारतूस मिलने की जानकारी शनिवार (2 नवंबर) को सामने आई है। घटना 27 अक्टूबर की है। एयरलाइंस के प्रवक्ता ने बताया, फ्लाइट AI916 जैसे ही दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड हुई। उसकी एक सीट की पॉकेट में कारतूस मिला, जिसके बाद सभी पैंसजर्स को सुरक्षित उतार लिया गया था। एयरलाइंस ने इसकी शिकायत भी दर्ज कराई है।
कारतूस मिलने की बात ऐसे समय सामने आई, जब फ्लाइट्स में बम की फर्जी धमकी का सिलसिला जारी है। 14 से 29 अक्टूबर के बीच 16 दिनों के अंदर 500 से ज्यादा फ्लाइट्स को बम की धमकी मिली थी। जांच में ये सभी फर्जी निकले।
इस बीच विमानों में बम की धमकी देने वाले एक आरोपी जगदीश उइके को महाराष्ट्र के गोंदिया से गिरफ्तार कर लिया गया है। नागपुर पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि उसे जांच के लिए पेश होने का नोटिस भेजा गया था, जिसके बाद 31 अक्टूबर को उसने सरेंडर कर दिया।
पुलिस ने 29 अक्टूबर को विमानों में बम की धमकी देने के मामले में उसकी पहचान की थी। आरोपी ने आतंकवाद पर भी किताब लिखी है। नागपुर पुलिस टीम ने फर्जी ईमेलों की खोजबीन करके आरोपी को ट्रेस किया था। आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस की स्पेशल टीमें बनाई गई थी। यह 2021 में एक केस में अरेस्ट भी हो चुका है।
दिल्ली पुलिस ने 26 अक्टूबर को 25 साल के शुभम उपाध्याय को भी पकड़ा था। उसने 25 अक्टूबर को IGI एयरपोर्ट पर फ्लाइट में बम की झूठी धमकी वाली दो पोस्ट की थीं। उसने फेमस होने के लिए ऐसा किया था।
इससे पहले मुंबई पुलिस ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से 17 साल के नाबालिग को हिरासत में लिया था। उसने पैसों के लेनदेन के विवाद में दोस्त को फंसाने के लिए उसके नाम से X अकाउंट बनाकर 14 अक्टूबर को 4 फ्लाइट में बम होने की झूठी पोस्ट की थी।
डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स में बम की धमकी से एयरलाइंस कंपनियों को 1200 से 1400 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। एयरलाइन सोर्स के मुताबिक इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान यात्रियों के रुकने, फ्लाइट की ग्राउंडिंग और क्रू पर 25 लाख से 4 करोड़ रुपए तक का खर्च होता है।
जिस एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग होती है, उसे चार्ज देना होता है। 200 से अधिक यात्रियों और क्रू को होटल में रोका जाता है, उनके खाने की व्यवस्था की जाती है। इसके बाद नए क्रू की व्यवस्था की जाती है। इससे एयरलाइंस का खर्चा बढ़ जाता है।
केंद्र सरकार ने इन धमकियों पर सख्त रवैया अपनाया है। आईटी मिनिस्ट्री ने 26 अक्टूबर को एडवाइजरी जारी कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से कहा था कि अगर वे ऐसी झूठी सूचनाओं को फौरन नहीं हटाते हैं तो उन्हें आईटी एक्ट के तहत मिलने वाली इम्युनिटी रद्द कर दी जाएगी।
मंत्रालय ने कहा कि ऐसी सूचनाओं को तुरंत हटाकर इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को भी देनी होगी।