भारतीय टेस्ट टीम इंग्लैंड पहुंच चुकी है, जहां इस वक्त इंडिया-ए और सीनियर टीम के बीच एक अनऑफिशियल टेस्ट मुकाबला खेला जा रहा है। इसके बाद 20 जून से टेस्ट सीरीज की शुरुआत होगी, जो भारतीय क्रिकेट के एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है। इस सीरीज में शुभमन गिल पहली बार भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करते नजर आएंगे। भारत ने इंग्लैंड की धरती पर पिछली टेस्ट सीरीज साल 2007 में जीती थी। ऐसे में शुभमन गिल की कप्तानी में टीम इंडिया की नजरें लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर सीरीज जीतने पर होंगी।
इंग्लैंड में भारत का टेस्ट रिकॉर्ड कमजोर रहा है
टीम इंडिया ने अब तक इंग्लैंड में कुल 69 टेस्ट मुकाबले खेले हैं, जिनमें सिर्फ 9 में जीत हासिल की है, जबकि 38 मुकाबले हार के साथ खत्म हुए हैं। बाकी 22 मैच ड्रॉ रहे हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि इंग्लैंड की जमीन पर भारत को टेस्ट जीतने के लिए हमेशा कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है।
आखिरी टेस्ट सीरीज जीत 2007 में
भारतीय टीम ने इंग्लैंड में आखिरी बार साल 2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टेस्ट सीरीज 1-0 से जीती थी। तीन मैचों की उस सीरीज में पहला और आखिरी मुकाबला ड्रॉ रहा था, जबकि दूसरे मैच में टीम इंडिया ने 7 विकेट से शानदार जीत दर्ज की थी। उस मैच के हीरो बने थे तेज गेंदबाज जहीर खान, जिन्होंने कुल 9 विकेट झटके थे।
अब युवा खिलाड़ियों के कंधों पर जिम्मेदारी
अब जबकि रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गज टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, टीम की कमान युवाओं के हाथ में है। शुभमन गिल कप्तानी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जबकि ऋषभ पंत उपकप्तान होंगे। पहली बार टेस्ट टीम में शामिल हुए अर्शदीप सिंह और साई सुदर्शन पर भी सबकी नजरें होंगी। करुण नायर ने भी घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के दम पर टीम में वापसी की है। यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और केएल राहुल जैसे बल्लेबाजों को अब भारतीय बल्लेबाजी की कमान संभालनी होगी।