ऐप के जरिए लोन लेना पड़ रहा महंगा, हर रोज ग्राहक हो रहे शोषण का शिकार…

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ऐप के जरिए लोन लेना पड़ रहा महंगा, हर रोज ग्राहक हो रहे शोषण का शिकार…

रायपुर – केवायसी और दस्तावेज सत्यापन के इंस्टेंट लोन देने वाले एप एक के बाद एक लोगों की सांसे छीन रहे हैं। लोग मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। इस तरह के एप पहले तो बिना किसी शर्त के लोन देने का वादा करते हैं और जैसे ही कोई इनके झांसे में आता है, यह भारी ब्याज लगाकर कई गुना अधिक पैसे वसूलते हैं। रायपुर जिले रोजाना लगभग पांच शिकायतें पहुंच रही हैं। पीड़ित रोते हुए साइबर सेल पहुंच रहे हैं। इसमें अधिकतर 25 से 30 वर्ष के युवा हैं। बढ़ती घटनाओं को देखते हुए रायपुर पुलिस ने अलर्ट किया है।

पुलिस एफआइआर भी कर रही है, लेकिन इस खतरनाक अपराध को अंजाम दे रहे अपराधियों की न तो पहचान है, न इनका नाम है, न चेहरा पता है। सिर्फ चंद नंबर और कुछ मोबाइल एप, लिंक। इनके जरिए हजारों किलोमीटर दूर बैठकर यह अपराधी आम लोगों को फंसा रहे हैं। फंसाकर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं, बदनाम कर रहे हैं, इनसे पैसा वसूल रहे हैं। स्वजनों के फोन में एडिटेट फोटो भेजी जा रही है।

कालेज जाने वाले युवा वर्ग इसमें ज्यादा फंस रहे हैं। दो हजार पांच हजार रुपये लोन इस भरोसे से ले लेते हैं कि उनको आसानी से बिना किसी ब्याज के पैसे मिल जा रहे हैं। इसके बाद वह पैसे भी वापस कर देते हैं। लेकिन इसके बाद उनसे ज्यादा पैसे की मांग की जाती है। नहीं देने पर वह सीधे स्वजनों, रिस्तेदारों को मैसेज करते हैं। फोटो को एडिट कर अश्लील बनाया जाता है और उसे प्रसारित करने की धमकी दी जाती है।

इस तरह के लोन एप के झांसे में ज्यादातर जरूरतमंद लोग आते हैं। ये एप बिना किसी कागजी कार्रवाई और बिना केवायसी के लोन देने का वादा करते हैं तो लोग आसानी से इन पर भरोसा कर लेते हैं। साथ ही लोन देते समय आसान और फास्ट प्रोसेस के नाम पर यह एप यूजर्स की जानकारी के बिना उनके मोबाइल से कांटैक्ट डिटेल, मैसेज और गैलरी तक की जानकारी की स्वीकृति ले लेते हैं।

यहीं से असली खेल शुरू होता है। दरअसल, लोन एप यूजर्स की कांटैक्ट डिटेल और गैलरी का इस्तेमाल बाद में ब्लैकमेल करने के लिए करते हैं और ऐसे में इनका शिकार हुए लोगों के पास दोगुना-चार गुना लोन चुकाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचता।

कैसे करता है इंस्टेंट लोन ऐप काम:-

कोई व्यक्ति तुरंत लोन पाने के लालच में इन लोन देने वाले एप को इंस्टाल करता है।

– एप यूजर से उसकी गैलरी, कांटैक्ट्स, लोकेशन आदि के एक्सेस की परमिशन मांगते हैं, जो अक्सर यूजर दे देते हैं।

– इसके जरिए यूजर की निजी जानकारियां चुरा लेते हैं। इन जानकारियों का इस्तेमाल उसे ब्लैकमेल करने में होता है।

– लोन का पूरा पैसा भी नहीं देते बल्कि 60-70 प्रतिशत ही यूजर के खाते में ट्रांसफर किया जाता है।

– लोन लेने वाले के साथ ब्लैकमेलिंग और शोषण का खेल, जो उससे कई गुना पैसे ऐंठने तक जारी रहता है।

– एप की खासियत ये है कि ये दो हजार से 5-7 हजार रुपये के छोटे-छोटे लोन ही देते हैं।

रायपुर साइबर सेल प्रभारी गौरव तिवारी ने कहा, लोन एप से सावधान रहें। बिना ब्याज के पैसे मिलने के झांसे में न आएं। अगर किसी ने उपयोग किया है तो वह तत्काल साइबर में इसकी जानकारी दे। पुलिस उन नंबरों को बंद करवाने और आरोपितों को पकड़ने का प्रयास करेगी।

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