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सरगुजा। सरगुजा जिला, जो पंचम अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आता है, में कुछ निजी व्यक्तियों द्वारा बिना किसी वैधानिक अनुमति या मान्यता के पैरामेडिकल कोर्स संचालित किए जाने की शिकायत पर सरगुजा के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शासन-प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल, रायपुर ने अपने पत्र क्रमांक 17/CGPMC/2024 में स्पष्ट किया है कि सरगुजा जिले में किसी भी संस्था को पैरामेडिकल कोर्स संचालित करने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके बावजूद जिले में कुछ संस्थाएं अवैध रूप से संचालन कर रही हैं, जिससे भोले-भाले आदिवासी व ग्रामीण युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
संगठन द्वारा पूर्व में भी इस विषय पर शिकायतें दी जा चुकी हैं, परंतु प्रशासन द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। आवेदनकर्ताओं ने बताया कि यह शासन-प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है और इससे युवाओं में भारी आक्रोश है।
प्रमुख मांगें:
1. सरगुजा जिले में संचालित सभी फर्जी एवं अवैध पैरामेडिकल संस्थानों की तत्काल जांच कर बंदी की कार्रवाई की जाए।
2. ऐसे संस्थानों से ठगे गए छात्रों को प्रत्येक ₹5,00,000 (पाँच लाख रुपये) की मुआवजा राशि दी जाए।
3. दोषी संचालकों एवं संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
4. गुरु कृपा पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट, अंबिकापुर के संचालक दीपांक दत्ता एवं संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज मामले की जांच तेज की जाए और अपराधियों पर कठोर दंड लगाया जाए।
5. उपरोक्त संस्थानों से संबंधित सभी FIR का पुनर्विचार कर कठोर धाराओं में अपराध दर्ज कर न्याय सुनिश्चित किया जाए।
जन आक्रोश बढ़ा – आंदोलन की चेतावनी
संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो जिलेभर में आंदोलन किया जाएगा। युवाओं और अभिभावकों ने शासन-प्रशासन से निवेदन किया है कि इस गंभीर विषय को प्राथमिकता से लेकर दोषियों पर त्वरित कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी संस्था शिक्षा के नाम पर युवाओं का शोषण न कर सके।