Monday, February 10, 2025

सुप्रिया बोलीं- पवार साहब राजनीति से कभी संन्यास नहीं लेंग वे खाते-सोते सांस लेते समय भी पॉलिटिक्स करते हैं

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मुंबई ,नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी-SCP के चीफ शरद पवार ने 5 नवंबर को राजनीति से संन्यास लेने के संकेत दिए थे। इसके एक दिन बाद यानी बुधवार को उनकी बेटी और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि शरद राजनीति से सन्यांस नहीं लेंगे।

सुप्रियां ने ‘द हिंदू’ के एक इवेंट में कहा- शरद पवार खाते-सोते और सांस लेते समय भी राजनीति करते हैं। वे राजनीति के बिना नहीं जी सकते। राजनीति उनके लिए सबसे बड़ा टॉनिक है और वे इसे इन्जॉय करते हैं।

पवार साहब ने कहा था कि वे चुनाव नहीं लड़ेगे, इसका मतलब है कि वो लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसका मतबल ये नहीं कि वे राजनीति छोड़ देंगे। सिर्फ अजित पवार चाहते थे कि वे रिटायर हो जाएं।

उधर, अजित पवार को महाविकास अघाड़ी में शामिल करने और शरद गुट के साथ मिलाने को लेकर सुप्रिया ने कहा- अजित के साथ सुलह का सवाल ही पैदा नहीं होता। विधानसभा चुनाव के बाद भी हम उनके साथ हाथ नहीं मिलाएंगे।

  • महाराष्ट्र में पिछले सालों में जो कुछ हुआ, मैं नहीं चाहती की वो अब कभी हो। जो हमारी पार्टी के साथ हुआ, वो किसी भी पार्टी के साथ नहीं होना चाहिए। आज से एक साल पहले हमारी कोई पार्टी नहीं थी। कोई सिंबल नहीं था। हमसे सब कुछ ले लिया गया था।
  • जब मैंने चुनाव लड़ा, तब फाइट आसान नहीं थी। लड़ना जरूर था, लेकिन जीतना जरूरी नहीं था। महाराष्ट्र चुनाव में आज पॉलिसी को लेकर चर्चा नहीं हो रही। कोई इकोनॉमी, विमेंस सेफ्टी पर चर्चा नहीं कर रहा है।
  • लोग बोल रहे थे हमारी पार्टी खत्म हो गई है। हालांकि, मामला अभी भी कोर्ट में है। यह अब हमारे लिए न्यू नॉर्मल बन गया है। कभी ED, कभी CBI, कभी कोई और संस्था से लड़ना पड़ता है, लेकिन अब यह न्यू नॉर्मल है।
  • इलेक्शन किसी को खुश करने के लिए नहीं होते हैं। यह पॉलिसी बनाने के लिए होते हैं। मेरी लड़ाई भाजपा के साथ है। अजित पवार अब भजपा के अलांयस में हैं, जो अच्छा काम नहीं कर रही है।

84 साल के शरद पवार ने बारामती में 5 नवंबर को कहा, ‘कहीं तो रुकना ही पड़ेगा। मुझे अब चुनाव नहीं लड़ना है। अब नए लोगों को आगे आना चाहिए। मैंने अभी तक 14 बार चुनाव लड़ा है। अब मुझे सत्ता नहीं चाहिए। मैं समाज के लिए काम करना चाहता हूं। विचार करूंगा कि राज्यसभा जाना है या नहीं।’

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