भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान हुई भगदड़,1 श्रद्धालु की हुई मौत , 8 घायल
पुरी- ओडिशा में पुरी स्थित 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से रविवार दोपहर हजारों लोगों ने विशाल रथों को खींचकर लगभग 2.5 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान किया। वहीं, अधिकारियों ने बताया कि शाम को रथ खींचते समय दम घुटने से एक श्रद्धालु की मौत और आठ लोग बीमार पड़ गए। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मृतक ललित बगरती के परिजनों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। ललित बलांगीर जिले के निवासी थे। उन्होंने घायल श्रद्धालुओं के लिए बेहतर चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए।
अधिकारियों ने बताया कि भगवान बलभद्र का रथ खींचते समय भगदड़ जैसी स्थिति में एक पुलिसकर्मी सहित कुछ लोग घायल भी हुए। उन्होंने बताया कि घायलों को अस्पताल भेजा गया है। पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने अपने शिष्यों के साथ भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों के दर्शन किए तथा पुरी के राजा ने ‘छेरा पहनारा’ (रथ सफाई) अनुष्ठान पूरा किया, जिसके बाद शाम करीब 5.20 बजे रथ खींचने का कार्य शुरू हुआ। रथों में लकड़ी के घोड़े लगाए गए थे और सेवक पायलट श्रद्धालुओं को रथों को सही दिशा में खींचने के लिए मार्गदर्शन कर रहे थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों रथों की परिक्रमा की और देवताओं के सामने माथा टेका। राष्ट्रपति, ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्य जगन्नाथ रथ को जोड़ने वाली रस्सियों को खींचकर प्रतीकात्मक रूप से इस कवायद की शुरुआत की। विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने भी तीनों देवताओं के दर्शन किए। यात्रा कुछ मीटर आगे बढ़ने के बाद रुक गई और सोमवार सुबह पुनः शुरू होगी।