सहकारिता मंत्री के विशेष सचिव ने फर्जी और दागी खरीदी प्रभारी की कराई नियुक्ति? कर दिया लाखों का धान पार? धान के खेल में कौन – कौन है शामिल?

Must Read

Special Secretary of Cooperative Minister got appointment of fake and tainted procurement in-charge? Crossed the paddy worth lakhs? Who is involved in the paddy game?

छत्तीसगढ़ BNA 24 न्यूज रायपुर – पूर्व में धान की हेराफेरी का गंभीर आरोप लगने के बाद भी छत्तीसगढ़ शासन सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम साय सिंह टेकाम के विशेष सचिव आईएएस हिम शिखर गुप्ता की सिफारिश पर सक्ती जिले के धान खरीदी केंद्र भाटा में वीरेंद्र कुमार महान को खरीदी प्रभारी का जिम्मा सौप दिया।

खरीदी प्रभारी बनने के बाद मंत्री के पीए का धौंस दिखाकर वीरेंद्र ने जमकर भ्रष्टाचार करते हुए लगभग 500 क्विंटल धान सिर्फ कागजों में खरीदकर अफरा-तफरी कर दी।

आईएएस हिम शिखर गुप्ता
आईएएस हिम शिखर गुप्ता

इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब 30 जनवरी को जांच के लिए जिला नोडल अधिकारी अश्वनी पाण्डेय और खाद्य अधिकारी मनोज त्रिपाठी खरीदी केंद्र भाटा पहुंचे।

जिला नोडल अधिकारी अश्वनी पाण्डेय
जिला नोडल अधिकारी अश्वनी पाण्डेय

जांच के दौरान खरीदी केंद्र के फड़ में मौके पर उपलब्ध धान की मात्रा खरीदी गई शेष उपलब्ध वर्तमान मात्रा से लगभग 500 क्विंटल कम पाई गई थी। लेकिन दोनो अधिकारी कार्यवाई करने के बजाय मामले को दबाने में लग गए और किसी तरह गायब हुए धान को पूरा करने 2 दिन की मोहलत दे दी।

खरीदी प्रभारी वीरेंद्र महान
खरीदी प्रभारी वीरेंद्र महान

इस पूरे मामले में खरीदी प्रभारी वीरेंद्र महान ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि किसानों से आपसी संबंध होने के कारण धान की खरीदी सिर्फ कागजों में कर दी गई थी, लगभग 500 क्विंटल धान फड़ में कम है। जिले से नोडल अधिकारी और खाद्य अधिकारी भी जांच करने आए थे जिन्होंने गायब धान की पूर्ति करने 2 दिन की मोहलत भी दी है। वीरेंद्र महान ने यह भी बताया कि कोई उनके नजदीक के रिश्तेदार हैं जो अपने परिचित के राईस मिलर से 1000 बोरी धान दिला रहे हैं जिसे डीओ कटने के बाद जमा किया जाएगा।

आपको बता दें धान खरीदी केंद्र भाटा में नियुक्त खरीदी प्रभारी विरेंद्र महान के खिलाफ पूर्व में भी खरीदी प्रभारी बनने के बाद लगभग 670 क्विंटल धान गबन करने का गंभीर आरोप लगा हुआ है, जिस पर मामला भी दर्ज किया गया है। यही कारण था कि इस बार दूसरे को प्रभारी बनाया गया था।

लेकिन वीरेंद्र महान ने अपनी ऊंची पहुंच होने का फायदा उठाते हुए सहकारिता मंत्री के विशेष सचिव हिम शिखर गुप्ता से अधिकारियों को फोन करा दिया जिसके बाद समिति में नियुक्त खरीदी प्रभारी रामचंद्र साहू को हटाकर वीरेंद्र को नियुक्त किया गया।

अब सवाल यह है कि पूर्व में लाखों की धान की अफरा-तफरी करने के गंभीर आरोप में फंसे कर्मचारी को बिना जांच के दोबारा इतनी बड़ी जिम्मेदारी कैसे दे दी गई? क्या इस बात की जानकारी सहकारिता मंत्री के विशेष सचिव को नहीं थी? और यदि जानकारी थी तो आखिर क्या कारण था कि उसके लिए उन्हें फोन करना पड़ा? आखिर समिति द्वारा किए गए शिकायत पर जिम्मेदार अधिकारी द्वारा कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

जिस तरह खरीदी प्रभारी द्वारा अपने रिश्तेदार के परिचित राइस मिलर से धान खरीद कर गायब हो चुके धान की पूर्ति करने की बात कही जा रही है, आखिरकार वह राइस मिलर कौन है जो इस तरह के मामलों में सहयोग कर रहा है और इसके पीछे उसकी मंशा क्या है? क्या राइस मिलर भी जांच के रडार में आ सकता है? इसके अलावा 30 जनवरी के बाद खरीदी केंद्र भाटा से उठाए गए सभी गाड़ियों के जीपीआरएस की भी जांच की जाए।

इसके अलावा इस मामले का गंभीर पहलू यह भी है कि जब भौतिक जांच के दौरान फड़ में धान की मात्रा कम पाई गई थी तब जिले के नोडल ऑफिसर और खाद्य अधिकारी ने खरीदी प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर के अलावा अन्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? क्या इसके पीछे भी किसी बड़े नेता या फिर मंत्री के विशेष सचिव का हाथ था? या फिर इस भ्रष्टाचार के पीछे बटने वाले कमीशन में नोडल ऑफिसर और खाद्य अधिकारी भी अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं?

हालांकि इस पूरे मामले में सहकारिता मंत्री के विशेष सचिव की भूमिका किस तरह की थी, यह तो जांच उपरांत ही स्पष्ट हो सकेगा। लेकिन खरीदी प्रभारी ने मीडिया को जानकारी देकर उनके संलिप्तता पर मुहर जरूर लगा दी है। वही नोडल अधिकारी और खाद्य अधिकारी की करतूत भी सामने आ चुकी है। जल्द ही इस मामले की उच्च स्तरीय शिकायत पूरे दस्तावेज और वीडियो के साथ होने की संभावना है।

Latest News

*नेशनल लोक अदालत: वृद्ध महिला और बेसहारा परिवार को मिला न्याय, लंबित प्रकरणों का सफल निपटारा*

कोरबा। 21 सितंबर 2024 को आयोजित हाइब्रिड नेशनल लोक अदालत में कई वर्षों से लंबित मामलों का सफल निपटारा...

More Articles Like This