भारत में साइबर हमलों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस पर लगाम नहीं लगाई गई तो 2033 तक हर साल करीब एक ट्रिलियन साइबर हमले हो सकते हैं। पिछले साल देश को 79 मिलियन से अधिक साइबर हमलों का सामना करना पड़ा था। इस साल भी यह वृद्धि जारी रही और पहली तिमाही में 500 मिलियन से अधिक घटनाएं सामने आईं।
- साल 2047 तक देश पर हो सकते हैं 17 ट्रिलियन साइबर हमले।
- गैर-लाभकारी संगठन प्रहार ने जारी की रिपोर्ट।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे भारत के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में तेजी से विस्तार इसके जोखिमों को बढ़ा रहा है। एम्स और एयरलाइंस पर किए गए साइबर हमले इसके उदाहरण हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल देश को 79 मिलियन से अधिक साइबर हमलों का सामना करना पड़ा, जो वर्ष 2022 की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। इस तरह की घटनाओं की संख्या के मामले में यह दुनिया भर में तीसरे स्थान पर है।
प्रहार के अध्यक्ष अभय मिश्रा ने बताया कि साइबर हमले दो तरह के होते हैं। पहले में पारंपरिक हैकर शामिल होते हैं जो वित्तीय लाभ या व्यवधान के लिए सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठाते हैं। दूसरा आम नागरिकों को निशाना बनाता है, उन्हें हेरफेर, जबरदस्ती या धमकियों द्वारा राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए भर्ती करता है।
इस तरह की रणनीति का इस्तेमाल अवैध सट्टेबाजी ऐप पर किए जाने की सबसे अधिक संभावना है। यह रणनीति बांग्लादेश में अपनाए गए तरीकों से भी मिलती-जुलती है, जहां विरोधियों ने आम नागरिकों के साथ मिलकर सरकारी संस्थाओं को कमजोर कर दिया।