पंजाब में 13 नवंबर को चार सीटों पर उपचुनाव होने हैं। नामांकन प्रक्रिया के बीच शिरोमणि अकाली दल ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। कुछ दिन पहले श्री अकाल तख्त द्वारा शिअद के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को तनखैया घोषित किया था। जिसके बाद पार्टी ने पंजाब में चार सीटों पर उपचुनाव में हिस्सा न लेने का फैसला किया है।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का विधानसभा की चार सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला ‘मास्टर स्ट्रोक’ साबित होगा या सुसाइड यह तो समय बताएगा। हालांकि, शिअद के इस फैसले से कांग्रेस परेशान हो गई है।
कांग्रेस को लग रहा है कि इससे सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी या भारतीय जनता पार्टी को सीधा लाभ मिलेगा। कांग्रेस की चिंता यह है कि अकाली मतदाता भाजपा या आम आदमी पार्टी के हक में तो आ सकता है लेकिन वह कांग्रेस को किसी भी कीमत पर समर्थन नहीं करेगा।
राज्य में जिन चार सीटों पर उपचुनाव हैं, उनमें गिद्दड़बाहा और डेरा बाबा नानक ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर शिअद हमेशा से मजबूत रही है। गिद्दड़बाहा सीट से तो पूर्व मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश सिंह बादल पांच बार चुनाव जीते। उनके बाद उनके भतीजे मनप्रीत बादल चार बार यहां से चुनाव जीते।