मुंबई ,महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की वोटिंग से 12 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार शुरू किया। शुक्रवार को नासिक और धुले में रैलियों के बाद अब शनिवार सुबह PM मोदी अकोला और नांदेड़ पहुंचेंगे।
दोपहर 12 बजे अकोला की रैली और 2:15 बजे नांदेड़ की रैली में PM के साथ CM एकनाथ शिंदे, डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी CM अजित पवार के अलावा महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष बावनकुले भी मौजूद रहेंगे।
प्रचार के दूसरे दिन अकोला की रैली में PM मोदी विदर्भ के अमरावती, बुलढाणा, यवतमाल और वाशिम जिलों के उम्मीदवारों के समर्थन के लिए लोगों से अपील करेंगे। वहीं, नांदेड़ में भी एक साथ कई कैंडिडेट के लिए वोट मांगेंगे।
महाराष्ट्र की 288 सीटों में एक फेज में 20 नवंबर को चुनाव होंगे। रिजल्ट 23 नवंबर को आएगा। भाजपा महायुति गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है। बीजेपी ने 148, शिंदे गुट ने 80, अजित गुट ने 53 उम्मीदवार उतारे हैं।
PM मोदी ने 8 नवबंर की रैली में नासिक में कहा कांग्रेस पर सावरकर और बाला साहेब ठाकरे के अपमान का आरोप लगाया था। PM ने कहा था कि महाराष्ट्र की राजनीति में बाला साहब ठाकरे का योगदान अतुलनीय है, लेकिन कांग्रेस नेताओं के मुंह से बाला साहब ठाकरे की प्रशंसा में एक शब्द नहीं निकलता है।
2019 के विधानसभा चुनाव की तुलना में भाजपा इस बार कम सीटों पर लड़ रही है। भाजपा ने पिछली बार 164 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इस बार 16 उम्मीदवार कम उतारे हैं।
वहीं, शिवसेना-शिंदे ने 80, NCP-अजित ने 53 के लिए पार्टी में बगावत के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। पिछले चुनाव में शिवसेना (अविभाजित) और NCP (अविभाजित) 124-124 सीटों पर लड़ी थीं। इन सबके अलावा इस बार महायुति ने 5 सीटें सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी हैं।
मुख्यमंत्री के रूप में देखे जाने पर डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने करीब एक हफ्ते पहले कहा था कि लोग उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देख रहे हैं तो यह समस्या नहीं है, समाधान है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वे CM बनने जा रहा हैं।
महायुति को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि एकनाथ शिंदे मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसकी घोषणा की जाएगी। शिवसेना प्रमुख CM एकनाथ शिंदे, NCP प्रमुख अजीत पवार और भाजपा का संसदीय बोर्ड तय करेगा कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा।
महायुति भ्रमित नहीं हैं, समस्या महाविकास अघाड़ी (MVA) में है। चेहरे का सवाल उनके लिए है, महायुति के लिए नहीं। MVA मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं कर रहा है क्योंकि वे जानते हैं कि चुनाव के बाद उनका CM आ सकता है।