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दुमका . झारखंड के दुमका से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली खबर सामने आई है। नौ महीने से लापता 20 वर्षीय शेम्पू खातून की हत्या का खुलासा हुआ है, और इस जघन्य अपराध को उसके जीजा करीम अंसारी और उसके साथी शाहिद अंसारी ने अंजाम दिया था।
दुमका के काठीकुंड थाना क्षेत्र से 25 दिसंबर 2024 को लापता हुई शेम्पू खातून का शव पुलिस ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के धमना पहाड़ी के पास एक सुनसान कुएं से बरामद किया। दुमका के एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस हत्याकांड के पीछे शेम्पू का जीजा करीम अंसारी और उसका साथी शाहिद अंसारी शामिल थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
मामला तब गंभीर हुआ जब शेम्पू के माता-पिता ने 27 अगस्त 2025 को जिला और पुलिस अधिकारियों के दफ्तर में गुहार लगाई और धरने पर बैठ गए। इसके बाद एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ विजय महतो की अगुआई में एक विशेष जांच दल (SIT) बनाया गया। डिजिटल सबूतों और गहन पूछताछ के आधार पर करीम और शाहिद ने अपराध कबूल किया। आरोपियों ने बताया कि दोनों ने मिलकर शेम्पू की गला दबाकर हत्या की और शव को बोरे में पत्थरों के साथ बांधकर कुएं में फेंक दिया। गुरुवार देर रात पुलिस ने शव बरामद किया, जो नौ महीने बाद पूरी तरह सड़ चुका था।
शेम्पू खातून चार भाई-बहनों में तीसरी थीं। उनकी बड़ी बहन की शादी करीम अंसारी से हुई थी। शेम्पू का अपने पति से तलाक का केस दुमका फैमिली कोर्ट में चल रहा था, और वह बाबू मोहली के साथ रिश्ते में थीं। बाबू मोहली की शादी के लिए उसका परिवार तैयार था, लेकिन करीम को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। करीम ने शेम्पू पर मेंटेनेंस केस वापस लेने और बाबू से दूरी बनाने का दबाव डाला। उसकी गलत नीयत के चलते पहले भी काठीकुंड थाने में शिकायत दर्ज हुई थी।पिछले साल शेम्पू के बड़े भाई तूफान अंसारी जो पेशे से ड्राईवर था की मौत रोड एक्सीडेंट हो गई और उसके माँ बाप को इंसोरेंस की मोटी राशि मिलने वाली थी. इन पैसों को हड़पने की नियत से भी शेम्पू की हत्या करने की आशंका जताई जा रही है.
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि करीम ने अपनी पत्नी की बीमारी का बहाना बनाकर शेम्पू को अपने साथ ले गया और 25 दिसंबर 2024 को अपने साथी शाहिद के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। शव की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराने की बात एसपी ने कही..
शेम्पू के बड़े भाई की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है, और उनके पिता खैरुद्दीन अंसारी बीमार हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है, और वे गांव वालों की मदद से गुजारा कर रहे हैं।परिवार सदमे में है और गांव में गुस्से का माहौल।
पुलिस पर गंभीर सवाल यह है की शिकायत के 8 महीने बाद SIT क्यों बनी. अगर पुलिस शुरू से सक्रिय होती तो क्या शेम्पू की जान बचाई जा सकती थी? क्या शेम्पू की हत्या आरोपी के कहे अनुसार 25/12/24 को हुई या फिर उसको सुरक्षित जगह पर रखकर उसके साथ यौन शोषण किया गया और उसके चूँगुल से भागने के क्रम में उसकी हत्या की गई, यह जाँच का विषय है.फिलहाल आरोपी सलाखों के पीछे है. लेकिन इंसाफ मिलने में वक्त लगेगा।