Seeing the thick layer of dust, the officers who came to give advice were shocked.
कोरबा। धूल की विकराल समस्या से त्रस्त ग्रामीणों ने गुरुवार को श्रम सेवा भूविस्थापित कामगार संगठन के नेतृत्व में भूख हड़ताल किया। उन्हें समझाइश देने पहुंचे अफसरों से आंदोलनकारियों ने पैदल सड़क का जायजा लेने कहा। अफसर राजी हो गए, लेकिन आगे गड्ढे और धूल की मोटी परत देखकर उनके होश उड़ गए। आनन फानन में आज से नियमित पानी का छिड़काव का आश्वासन दिया गया है। अन्य मांगों पर भी सहमति दी गई है।
सर्वमंगला चौक पर भूविस्थापितों ने निर्माणाधीन सड़क की वजह से उड़ने वाली धूल, गड्ढों और जाम से निजात पाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल किया। लगभग 6 से 7 घंटे बाद तहसीलदार और एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन के अधिकारी मौके पर पहुंचे उन्होंने आंदोलन कर रहे श्रम सेवा भूविस्थापित कामगार संगठन के पदाधिकारियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए आश्वासन दिया। ग्रामीणों को आश्वासन हर बार की तरह छलावा ही लगा इसलिए उन्होंने तहसीलदार और प्रबंधन के अधिकारियों को पैदल सर्वमंगला चौक से मंदिर से आगे कुछ दूर साथ पैदल चलने को कहा। अधिकारी तैयार हो गए, लेकिन गड्ढे और धूल की मोटी परत देखकर उनके चेहरे के भाव बदल गए विकराल समस्या को सामने से दिखाकर ग्रामीणों ने तत्काल निराकरण की मांग की। जिस पर कोई ठोस निर्णय लेने में असमर्थता जताई गई। जिससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए और धूल भरी सड़क पर बैठकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। जिसके बाद अधिकारियों ने आनन-फानन में लिखित आश्वासन दिया।
जिसके अनुसार आज से निरंतर पानी छिड़काव जोड़ा पुल से सर्वमंगला मंदिर तक किया जाएगा। साथ ही इमलीछापर से सर्वमंगला चौक तक धूल की सफाई, पानी का छिड़काव, रेलवे पुलिस से निर्माण होने तक कुसमुंडा- सर्वमंगला मंदिर की ओर भारी वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद रहेगी। सर्वमंगला चौक पर पोल गड़ाए जाएंगे। सर्वमंगला परिसर से एक करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण का काम किया जाएगा। इसके अलावा भूविस्थापितों द्वारा अन्य सभी मांगों पर काम करने की बात लिखित रूप से दी गई है। आंदोलन में संगठन से गोविंदा सारथी, अशोक पटेल, उमागोपाल, विजय महंत, विष्णु पटेल, राजेन्द्र पटेल, देश पटेल, राम पटेल, मोहन पटेल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।