वाराणसी के 14 मंदिरों से साईंबाबा की मूर्तियां हटाईं:सनातन रक्षक दल ने 100 मंदिरों की लिस्ट बनाई, सपा बोली- माहौल बिगाड़ रहे

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वाराणसी में सनातन रक्षक दल ने मंगलवार, 1 अक्टूबर को 14 मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां हटा दीं। दल के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि सनातन मंदिर में सनातन देवी-देवता होने चाहिए। समाजवादी पार्टी ने कहा- ये लोग काशी का माहौल खराब कर रहे हैं।

साईं बाबा की कुछ मूर्तियों को गंगा में विसर्जित किया गया और कुछ को उनके मंदिरों में पहुंचाया जा रहा है। सनातन रक्षक दल ने अभी 100 और मंदिरों की लिस्ट बनाई है।

तीन दिन पहले शहर के सबसे प्रमुख बड़ा गणेश मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति को हटाकर गंगा में विसर्जित किया गया था। पुरुषोत्तम मंदिर से भी मूर्ति हटाई जा चुकी है। इसके अलावा कई मंदिरों में मूर्तियों को सफेद कपड़े में लपेट कर रख दिया गया है।

इस अभियान का आगाज शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने किया था। अब सनातन रक्षक दल इस अभियान को आगे बढ़ा रहा है।

वाराणसी के बड़ा गणेश मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति हटाई जा चुकी है। मूर्ति का एक टुकड़ा गली में पड़ा हुआ है।
वाराणसी के बड़ा गणेश मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति हटाई जा चुकी है। मूर्ति का एक टुकड़ा गली में पड़ा हुआ है।

बड़ा गणेश मंदिर के पास रहने वाले बुजुर्गों से भास्कर ने बात की। उन्होंने कहा, ‘आज हमने देखा साईं बाबा की मूर्ति यहां से हटा दी गई थी। अगर सनातन मंदिर में साईं की मूर्ति से आपत्ति थी तो उसे लगाना ही नहीं चाहिए था, अगर लगा दिया तो उसे सम्मान से हटाते।

इस तरह गलियों में मूर्ति के टुकड़े फेंक देना उचित नहीं है। हालांकि टुकड़े मूर्ति के नहीं, बल्कि सिंहासन से जुड़े हैं। एक और बुजुर्ग ने कहा- इस तरह मूर्तियों को लगा कर उन्हें हटा देना गलत है।

आज यानी मंगलवार सुबह त्रयंबकेश्वर मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति हटाई गई।
आज यानी मंगलवार सुबह त्रयंबकेश्वर मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति हटाई गई।

रविवार को बड़ी संख्या में सनातन रक्षक दल के सदस्य लोहटिया स्थित बड़ा गणेश मंदिर पहुंचे थे। यह ऐतिहासिक मंदिर है, यहां रोज हजारों भक्तों की भीड़ रहती है। मंदिर परिसर में 5 फीट की साईं मूर्ति भी स्थापित थी। सनातन रक्षक दल के सदस्य यहां से साईं की मूर्ति को कपड़े में लपेटकर ले गए और गंगा में विसर्जित कर दिया।

शहर के कुछ मंदिरों में स्थापित साईं मूर्ति को कपड़े में लपेट दिया।

मूर्तियों के हटाए जाने का विरोध

MLC और सपा नेता आशुतोष सिन्हा ने कहा, ‘बनारस आस्था का केंद्र है। आजकल नई-नई बातें सुनने को मिल रही हैं। इससे पहले लगातार पूजा होती रही है। मैं किसी धर्म या भगवान पर टिप्पणी नहीं कर रहा। समझ नहीं आ रहा कि इसकी जरूरत क्यों पड़ी। आज बनारस की मुख्य समस्या सीवर-पानी है। गंगा के प्रदूषण पर बात नहीं हो रही। विकास के नाम पर यहां 50 से ज्यादा मंदिर तोड़े गए। इस पर चर्चा नहीं हुई। आखिर कब तक ऐसे मंदिर, मस्जिद, भगवान और साईं बाबा पर बात होगी। पढ़ाई-लिखाई, बनारस की तरक्की और रोजगार पर बात होनी चाहिए।

  • बड़ा गणेश मंदिर के महंत रम्मू गुरु ने कहा, ‘जानकारी के अभाव में साईं की पूजा हो रही थी। शास्त्र के अनुसार इनकी पूजा वर्जित है। जानकारी होने के बाद स्वेच्छा से प्रतिमा हटवा दी गई। अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने कहा- शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं मिलता है। इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।’
  • सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया, ‘भक्तों की भावनाओं को देखते हुए ही शहर के मंदिरों से साईं प्रतिमा को हटवाने का अभियान चलाया जा रहा है। त्रयंबकेश्वर मंदिर से पहले बड़ा गणेश मंदिर और पुरुषोत्तम सहित 14 मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटाई जा चुकी है। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से मूर्तियां हटाई जाएंगी।’

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