RSS-BJP वालों के कान पकड़कर जातिगत जनगणना कराएंगे, लालू यादव ने कहा- इनकी क्या औकात, अब… – Lalu Yadav On Caste Census

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 जातिगत जनगणना को लेकर देश में बवाल जारी है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार पर जातिगत जनगणना करवाने के लिए दबाव डाल रही है। सिंगापुर से पटना लौटते ही राजद सुप्रीमो लालू यादव ने जातिगत जनगणना की मांग करते हुए आरएसएस और भाजपा  पर जोरदार हमला किया है।

लालू यादव ने RSS के एक बयान का हवाला देते हुए सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि- इन RSS/BJP वाला का कान पकड़, दंड बैठक करा इनसे जातिगत जनगणना कराएंगे। इनका क्या औक़ात है जो ये जातिगत जनगणना नहीं करायेंगे? इनको इतना मजबूर करेंगे कि इन्हें जातिगत जनगणना करना ही पड़ेगा। दलित, पिछड़ा, आदिवासी और गरीब का एकता दिखाने का समय अब आ चुका है।लालू यादव ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कहा कि इनको (केंद्र सरकार) इतना मजबूर करेंगे कि इन्हें जातिगत जनगणना करना ही पड़ेगी। दलित, पिछड़ा, आदिवासी और गरीब का एकता दिखाने का समय अब आ चुका है। इससे पहले लालू यादव के बेटे और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा था, जातीय जनगणना से कौन इनकार कर सकता है? ये लोग नहीं चाहते हैं कि जनगणना हो, वरना बार-बार बीजेपी कोर्ट में लोगों को खड़ा नहीं करती। हमने कई बार संसद में सवाल पूछा है, उनके जवाब से साफ हो गया है कि वो जातीय जनगणना नहीं कराना चाहते. इनकी कथनी कुछ और है, करनी कुछ और हैय़ एक सवाल के जवाब में तेजस्वी का कहना था कि इनको (केंद्र) आरक्षण से कोई मतलब नहीं है। ये लोग बाबा साहब के संविधान को बदलना चाहते हैं। इनका असल एजेंडा सिर्फ संविधान बदलना है। बता दें कि आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने केरल के पलकक्ड में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि संघ को जातिगत जनगणना से कोई आपत्ति नहीं है। मगर आंकड़ें का इस्तेमाल लोगों के कल्याण के लिए होना चाहिए, ना कि चुनावी फायदे के लिए राजनीतिक औजार के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाए। संघ नेता के इस बयान पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया दी है।जातीय गणना के आंकड़े जारी करने वाला बिहार पहला राज्य है। बिहार की आबादी में सबसे ज्यादा अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36% है। उन्हें नौकरी में मौजूदा आरक्षण 18% दिया जा रहा है। 27% ओबीसी के लिए 12% आरक्षण दिया जा रहा है। मौजूदा समय में बिहार में ईबीसी और ओबीसी को मिलाकर 30% के रिजर्वेशन का प्रावधान है। इसमें 18% ईबीसी को और 12% ओबीसी को आरक्षण मिल रहा है। जबकि जाति आधारित गणना के मुताबिक इनकी संख्या बढ़कर 63% हो गई है।

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