सरपंच सचिव से होगी 6 लाख रुपए की वसूली, SDM ने दिया आदेश, एक महीने का मिला अल्टीमेटम…

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सरपंच सचिव से होगी 6 लाख रुपए की वसूली, SDM ने दिया आदेश, एक महीने का मिला अल्टीमेटम…

सक्ती – जनपद पंचायत सक्ती में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच चुकी है। लगातार पंचायत में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ रहे हैं। इसी तरह एक और मामला सामने आया है जहां पंचायत में सरपंच और सचिव द्वारा फर्जी ढंग से बिना प्रस्ताव के राशि आहरण कर लिया गया था जिसकी शिकायत होने के बाद सरपंच और सचिव दोनों से 6 लाख रुपए रिकवरी का आदेश अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सक्ती ने दिया है।

 

इस राशि को जमा कराने एसडीएम ने सक्ती तहसीलदार को जिम्मेदारी दी है। प्रकरण के आदेश बिना प्रस्ताव के आहरण करने के मामले में 6 लाख रुपए सरपंच और सचिव से वसूल करने एक महीने की मोहल्ला दी गई है।

क्या है पूरा मामला….

प्राप्त जानकारी अनुसार जनपद पंचायत सक्ती के ग्राम पंचायत पोरथा सरपंच मधु श्याम राठौर पति श्याम सुंदर राठौर और तत्कालीन सचिव रुकमणी राठौर ने मिलकर बिना पंचायत प्रस्ताव के 61 लाख रुपए का आहरण करने की शिकायत जनपद स्तर से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक पहुंची थी।

कार्रवाई नहीं होने के बाद पोरथा निवासी भानु प्रताप चौहान, पंच हीरालाल कुर्रे और मुरली राठौर ने सरपंच के खिलाफ धारा 40 के तहत कार्रवाई करने एसडीएम सक्ती के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था। मामले पर सुनवाई करते हुए अनुविभागीय अधिकारी(राजस्व) सक्ती ने आदेश देते हुए कहा है कि ग्राम पंचायत पोरथा के पंचों के मंशा के विपरीत सदैव पंचायत के हित के विपरीत कार्य किया जा रहा है। यह कि अनावेदिक के द्वारा पंचायत निधि का अपवंचन कर दुरुपयोग किया जा रहा है।

यह की ग्राम पंचायत के मासिक बैठक में चर्चा किए बिना एवं बिना प्रस्ताव के अनावेदिका के द्वारा पंचायत निधि का आहरण किया जा रहा है। यह कि आबेदकगण के द्वारा दिनांक 09/02/ 2021 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सक्ती को अनावेदिका के विरुद्ध उचित कार्रवाई हेतु आवेदन दिया। यह कि आवेदकगण ने अपने आवेदन दिनांक 09/02/2021 में यह स्पष्ट किया गया कि ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के बिना ही 27/01/2021 को 4 लाख 20 हजार रुपए एवं दिनांक 30/01/2021 को 1,80,000 रुपए आहरण किया गया।

यह कि आवेदकों के आवेदन पर अनावेदक के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सक्ती को आवेदन दिया जाकर कॉपी उच्च अधिकारियों को उचित कार्रवाई हेतु दिया गया। यह कि आवेदकों की शिकायत पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सक्ती के द्वारा जांच दल का गठन किया गया जिस पर जांच दल ने भी दिनांक 04/09/2021 को जांच बाद निष्कर्ष दिया कि ग्राम पंचायत के द्वारा बिना प्रस्ताव के पंचायत राशि का आहरण किया गया तथा राशि आहरण के बाद दिनांक 16/02/2021 को स्थगित बैठक कर राशि हरण के संबंध में प्रस्ताव पारित किया जाना पाया गया है।

यह कि जांच बाद जांच दल के द्वारा अनावेदिका के विरुद्ध किए गए शिकायत को सही मानते हुए अनावेदिका के विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम 1993 के अंतर्गत कार्रवाई किए जाने की अनुशंसा भी की गई है। यह कि अनावेदिका के द्वारा किए गए कृत्य छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 के प्रावधानों के विपरीत होने से अनावेदिका को दंडित किया जाना न्यायहित में आवश्यक है।

सरपंच सचिव के विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम 1993 के अंतर्गत कार्रवाई किए जाने हेतु जांच प्रतिवेदन दिया गया है। इस प्रकार स्पष्ट है कि अनावेदिका सरपंच एवं सचिव ग्राम पंचायत पोरथा के द्वारा बिना पंचायत प्रस्ताव के राशि हरण किया जाकर भुगतान किया गया है। प्रकरण में दिए गए जांच टीम के जांच प्रतिवेदन से सहमत होते हुए जांच टीम द्वारा शासकीय राशि 6 लाख रुपए जो कि सरपंच और सचिव द्वारा ग्राम पंचायत पोरथा के द्वारा बिना प्रस्ताव के आहरण किया गया उसकी राशि 6 लाख रुपए सरपंच और सचिव ग्राम पंचायत पोरथा से एक माह के अंदर वसूल किए जाने हेतु तहसीलदार सक्ती को आदेशित किया गया है। मूल प्रकरण तहसीलदार सक्ती को भेजे जाने और इस न्यायालय से प्रकरण में कार्रवाई समाप्त की जाती है।

 

आपको जानकर हैरानी होगी कि ग्राम पंचायत पोरथा में पूर्व सरपंच श्याम राठौर पर भी भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे जो कि वर्तमान सरपंच मधु श्याम राठौर के पति हैं। पूर्व सरपंच ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत पंचायत में बनने वाले शौचालय निर्माण में भारी गड़बड़ियां की गई थी। आरोप यह भी लगाया गया था कि जिन हितग्राहियों के नाम पर शौचालय का निर्माण होना था उनके यहां शौचालय निर्माण भी नहीं कराया गया और फर्जी ढंग से दूसरे का अंगूठा लगा दिया गया जो सभी में एक समान है जिसकी भी जांच को लेकर जल्द ही दस्तावेजों के साथ शिकायत होने की भी बात कही जा रही है।

19.79 लाख रुपए के काम में तकनीकी सहायक और सरपंच ने किया खुलेआम भ्रष्टाचार…

इस पूरे मामले में एक बात तो स्पष्ट है कि ग्राम पंचायत में सरपंच और सचिव की मनमानी चरम पर है। किसी भी पंचायत पर गड़बड़ी होने की सर्व जिम्मेदारी जनपद स्तर पर बैठे वरिष्ठ अधिकारी होती है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि जनपद स्तर पर बैठे वरिष्ठ अधिकारी जनपद सीईओ की खुली संरक्षण ऐसे पंचायत के सरपंच और सचिवों को मिल रही है।

इस तरह का आरोप लगाना लाजमी भी होगा क्योंकि हमारे द्वारा दो दिन पूर्व ही जनपद पंचायत सक्ती अंतर्गत ग्राम पंचायत हरेठी में 19.79 लाख के काम में भारी भ्रष्टाचार का मामला उजागर किया है जिसमें उच्च अधिकारियों के संरक्षण मिलने की पूरी संभावना है क्योंकि जिस कार्य को लेकर हमने सवाल उठाया है वह निर्माण कार्य उस जगह में किया गया है जहां जनपद पंचायत सक्ती के तत्कालीन सीईओ स्वयं निवासरत थे। हालांकि मामले की परत दर परत पोल हमारे द्वारा खोली जाएगी और उच्च अधिकारियों के संरक्षण को भी स्पष्ट किया जाएगा।

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