अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कई देशों से आयात पर भारी-भरकम टैरिफ लगाए जाने के बावजूद, अप्रैल में अमेरिकी खुदरा महंगाई दर लगातार तीसरे महीने गिरकर 2.3 प्रतिशत पर आ गई। श्रम विभाग द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में उपभोक्ता कीमतों में एक साल पहले की तुलना में 2.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो चार सालों में सबसे कम वृद्धि है। मार्च में यह वृद्धि 2.4 प्रतिशत थी। मासिक आधार पर अप्रैल में कीमतों में मामूली 0.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि किराने के सामान की कीमतों में 0.4 प्रतिशत की गिरावट आई, जो सितंबर 2020 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
भारी-भरकम टैरिफ का असर कम
श्रम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल की शुरुआत में लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ का अभी तक कई वस्तुओं की कीमतों पर खास असर नहीं पड़ा है। हालांकि, फर्नीचर की कीमतों में 1.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। ट्रंप ने 2 अप्रैल से लागू हुए नए टैरिफ रेट्स में कई बार बदलाव किए हैं, लेकिन औसत शुल्क लगभग 18 प्रतिशत है, जो उनके जनवरी में राष्ट्रपति बनने से पहले के मुकाबले छह गुना अधिक है और पिछले 90 वर्षों में सबसे अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में टैरिफ का व्यापक प्रभाव महंगाई को बढ़ा सकता है।
भविष्य में महंगाई में बढ़ोतरी का खतरा
ट्रंप प्रशासन द्वारा स्टील और एल्युमीनियम पर लगाए गए टैरिफ और चीन से आयातित सामान पर बढ़ाए गए टैक्स का असर उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों पर दिखने में समय ले सकता है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि उच्चतम सीमा शुल्क अब काफी बढ़ चुका है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था के विकास दर में कमी आ सकती है और महंगाई बढ़ सकती है। इसके साथ ही, यह फेडरल रिजर्व के लिए भी एक चुनौती बन सकता है, क्योंकि इससे उच्च मुद्रास्फीति और बेरोजगारी दोनों का खतरा बढ़ सकता है।