आपने कई गाड़ियों में काले रंग की खिड़कियां जरूर देखी होंगी, जिन्हें टिंटेड विंडो कहा जाता है। कार की खिड़कियों पर लगाई गई यह टिंटेड ग्लास गर्मी के मौसम में धूप को रोकती है, जिससे कार के अंदर तापमान कम रहता है और एयर कंडीशनर पर भी कम दबाव पड़ता है। लेकिन अगर पुलिस को आपकी कार की खिड़कियों पर नियमों के खिलाफ टिंटेड ग्लास दिखता है, तो आपको भारी चालान का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि कार की खिड़कियों पर टिंटेड ग्लास या काली फिल्म कैसे लगवानी चाहिए ताकि चालान से बचा जा सके और नियमों का उल्लंघन न हो।
टिंटेड ग्लास क्या है?
टिंटेड ग्लास कार की खिड़कियों पर लगा हुआ एक रंगीन या काला लेप होता है, जो बाहर से आने वाली तेज धूप और UV किरणों को रोकता है। इससे कार के अंदर की चीजें बाहर से दिखाई नहीं देतीं और गर्मी भी कम होती है।
टिंटेड ग्लास के फायदे
यह ग्लास न केवल गर्मी से बचाता है बल्कि कार के इंटीरियर को भी सूरज की हानिकारक किरणों से सुरक्षित रखता है। इसके कारण कार के अंदर की चीजें धूप से खराब नहीं होतीं और ड्राइविंग के दौरान धूप की तेज रोशनी से भी राहत मिलती है।
टिंटेड ग्लास पर नियम और जुर्माना
हालांकि टिंटेड ग्लास के कई फायदे हैं, लेकिन कुछ आपराधिक घटनाओं में इसका दुरुपयोग भी देखने को मिला है। इसलिए भारत सरकार ने टिंटेड ग्लास पर कड़े नियम लागू किए हैं। इसके तहत, कार के आगे और पीछे के शीशों की पारदर्शिता कम से कम 70% होनी चाहिए, जबकि साइड शीशों की पारदर्शिता कम से कम 50% होनी जरूरी है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 177 के तहत जुर्माना लगाया जाता है। पहली बार पकड़े जाने पर 500 रुपये का चालान और दूसरी बार पकड़े जाने पर 1500 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
चालान से बचने का तरीका
टिंटेड ग्लास लगवाते समय सुनिश्चित करें कि खिड़कियों की पारदर्शिता सरकार द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर हो, ताकि पुलिस की जांच में कोई समस्या न हो और आप अनावश्यक जुर्माने से बच सकें। नियमों का पालन करके आप सुरक्षित ड्राइविंग कर सकते हैं और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन भी नहीं करेंगे।