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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तिजोरी में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। 31 मार्च 2025 तक रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट का आकार पिछले साल की तुलना में 8.20 प्रतिशत बढ़कर ₹76.25 लाख करोड़ तक पहुंच गया। इससे केंद्र सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का लाभांश मिला। आरबीआई की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, इस वृद्धि में सोने, घरेलू निवेश और विदेशी निवेश की क्रमशः 52.09%, 14.32% और 1.70% बढ़ोतरी का योगदान रहा।
इस वित्तीय वर्ष में रिजर्व बैंक की आय 22.77 प्रतिशत बढ़ी, जबकि व्यय में 7.76 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। कुल अधिशेष ₹2,10,873.99 करोड़ से बढ़कर ₹2,68,590.07 करोड़ हो गया, जो 27.37 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। आरबीआई की बैलेंस शीट में मुद्रा जारी करने, मौद्रिक नीति और रिजर्व प्रबंधन से जुड़ी गतिविधियों का विवरण होता है।
31 मार्च 2024 को ₹70.47 लाख करोड़ के मुकाबले बैलेंस शीट का आकार ₹5.77 लाख करोड़ बढ़कर 31 मार्च 2025 को ₹76.25 लाख करोड़ हो गया। देनदारियों में भी जारी किए गए नोटों, पुनर्मूल्यांकन खातों और अन्य देनदारियों में क्रमशः 6.03%, 17.32% और 23.31% की वृद्धि हुई।
घरेलू परिसंपत्तियों का हिस्सा कुल परिसंपत्तियों का 25.73% रहा, जबकि विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, भारत में जमा सोना और विदेशों को दिए गए ऋण कुल मिलाकर 27% रही। पिछले वर्ष यह प्रतिशत 23.31% और 76.69% था। इसके अलावा ₹44,861.70 करोड़ का प्रावधान आकस्मिकता निधि में स्थानांतरित किया गया।