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मैहर:- जनपद उपाध्यक्ष विकास त्रिपाठी ने कहा कि अभी तो ये टेलर था फिल्म अभी बाकी है। ये माई का धाम है यहां जरूरत से ज्यादा उड़ने वालों के पर माई स्वयं कुतर दिया करती है इसके कई प्रमाण इस धाम में मौजूद है इसलिए मां शेरावाली के दर्शन पूजन करने लोग पूरे देश से खींचे चले आते है इसलिए भाषा और व्यवहार में संयम होना चाहिए।
विकास त्रिपाठी ने कहा कि मैहर हम सभी का है इसे हम सभी ने पाल पोश के बड़ा किया है पसीने की बूंद बूंद से सीचा है और उसमें हर छोटे बड़े अमीर गरीब सबकी महती भूमिका है इसलिए किसी के साथ अन्याय न हो कोई भूखा न सोए किसी के साथ अनैतिक प्रताड़ना न हो यह हम सब की जिम्मेवारी है। विगत कुछ दिनों से एक योजना के तहत नगरपालिका सीएमओ ने अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर अतिक्रमण के नाम पर प्रताड़ित किया है उनके रोजगार को छीनने की कोशिश की है उनके छोटे मोटे रोजी रोटी को खत्म करने की कोशिश की है यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। मैहर सीएमओ की कार्यप्रणाली एक हिटलर जैसी है जिसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए मैहर के लोग अब तैयार है उनके हर अनैतिक कार्य का पुरजोर विरोध किया जायेगा किसी भी बेबस लाचार के साथ गलत नहीं होने दिया जायेगा।
अगर किसी का विनाश करके विकास का इतिहास गढ़ा जाना है तो हम ऐसे विकास का विरोध करते है और करते रहेंगे अतिक्रमण अगर हटेगा तो सबको व्यवस्थित करके हटेगा छीना झपटी लूटपाट तोड़फोड़ करके नहीं हटेगा और अगर कोई ऐसा करने की कोशिश मात्र करेगा तो उसे हमारे विरोध का सामना करना ही पड़ेगा। हम कोई भी कार्य मर्यादा में रहकर करना चाहते है इसलिए कोई भी इसे हमारी कमजोरी न समझे।
मैहर के लिए दुर्भाग्य का विषय है कि लगभग तीन वर्षों से यहां की नगरपालिका प्रभारी सीएमओ के दम पर चल रही है माई का धाम है यहां इतने काम है इतनी व्यवस्थाओं का संचालन है इसके बाद भी तीन तीन सेमरिया अमरपाटन और मैहर के प्रभार वाली सीएमओ को जिम्मेवारी देना कुछ और ही बयान करता है। मैहर को एक सेपरेट सीएमओ की जरूरत है जो व्यवस्थित रूप से शहर का संचालन कर सके लेकिन राजनैतिक षडयंत्र के तहत जो खेल मैहर वासियों के साथ खेला जा रहा है उसे अब बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। हम इसी मैहर की अनमोल माटी में पैदा हुए है यही इसी मिट्टी में मर भी जायेंगे लेकिन अधिकारी आज है कल चले जाएंगे इसलिए हम तो गरीबों की लड़ाई लड़ रहे है लड़ते रहे है लड़ते रहेंगे लेकिन जो भाषा यहां की सीएमओ बोलती है यह एक अधिकारी की भाषा नहीं हो सकती।