बुद्ध पूर्णिमा पर 130 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस दिन को बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन जो भी मनोकामना करके व्रत किया जाता है वो पूरी होती है। अगले महीने यानि वैशाख में बुद्ध पूर्णिमा का दिन भी बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी बेहद खास है क्योंकि इसी दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था।
इस साल बुद्ध पूर्णिमा 5 मई को मनाई जाएगी। साथ ही ये बुद्ध पूर्णिमा बेहद खास रहेगी क्योंकि इस बुद्ध पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। साथ ही ग्रह-नक्षत्रों का अजीब संयोग भी बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 04 मई गुरुवार की रात 11 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन 05 मई शुक्रवार की रात 11 बजकर 03 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा 05 मई शुक्रवार को मनाई जाएगी।
5 मई को वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है। 5 मई की रात 8 बजकर 45 मिनट से 5 और 6 मई की मध्यरात्रि को 1 बजे तक रहेगा। इसके पहले 5 मई की सूर्योदय से लेकर सुबह 09 बजकर 17 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा। इसी दिन स्वाती नक्षत्र भी रहेगा। शास्त्र के जानकारों की मानें तो बुद्ध पूर्णिमा पर ऐसा योग 130 साल बाद बन रहा है। स्वाती नक्षत्र सुबह से लेकर रात 09 बजकर 40 मिनट तक है। इस तरह वैशाख पूर्णिमा के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त दिन में 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है।