Rahul Gandhi’s membership cancelled, know what will happen now, will he not be able to contest the 2024 elections?
Rahul Gandhi’s membership cancelled : राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के नेता, इस समय राजनीतिक संकट में फंसे हुए हैं। जब सभी दल धीरे-धीरे 2024 की तैयारी में जुट रहे होते हैं, तब कांग्रेस और राहुल गांधी को दूसरी जद्दोजहद में फंसना पड़ेगा। मोदी सरनेम को लेकर उन्होंने टिप्पणी की थी, जो उन पर भारी पड़ी। इस मामले में गुरुवार को सूरत सेशन कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया था। राहुल गांधी को सजा हुई थी, जमानत मिली थी, लेकिन शुक्रवार को उन्हें लोकसभा की सदस्यता से निकाल दिया गया था। अर्थात अब वह वायनाड के सांसद नहीं हैं।
लोक-प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के मुताबिक, अगर किसी नेता को दो साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे सजा होने के दिन से उसकी अवधि पूरी होने के बाद आगे छह वर्षों तक चुनाव लड़ने पर रोक का प्रावधान है। अगर कोई विधायक या सांसद है तो सजा होने पर वह अयोग्य ठहरा दिया जाता है। उसे अपनी विधायकी या सांसदी छोड़नी पड़ती है।
इसी नियम के तहत राहुल की सदस्यता चली गई। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय कहते हैं कि सूरत की जिस अदालत ने राहुल को सजा सुनाई है, उस अदालत ने राहुल को फैसले के खिलाफ सेशंस कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए एक महीने का समय दिया है। तब तक राहुल की सजा पर रोक है, मतलब वह इस दौरान जेल जाने से बचे रहेंगे।
उपाध्याय आगे कहते हैं सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार, ऐसे मामलों में सजा निलंबित होने का मतलब दोषी को केवल जेल जाने से राहत मिलती है लेकिन सजा के अन्य असर प्रभावी रहेंगे। जैसे कि अगर कोई संसद या विधानसभा का सदस्य है तो उसकी सदस्यता चली जाएगी, वोट देने का अधिकार भी खत्म हो जाएगा। चूंकि कोर्ट ने राहुल को दोषी करार कर दिया है। इसलिए नियम के अनुसार राहुल की सदस्यता चली गई है।
क्या है राहुल के पास ऑप्शन ?
वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने बताया कि राहुल गांधी के पास फिलहाल कुछ विकल्प हैं, जिनके जरिए वह कोर्ट के आदेश को चैलेंज कर सकते हैं और हो सकता है उन्हें इससे राहत भी मिल जाए. आइए जानते हैं उन विकल्पों के बारे में-
– आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) में दी गई कानूनी प्रक्रिया के अनुसार, दोषसिद्धि के आदेश को उसी उच्च कोर्ट के समक्ष चुनौती दी जा सकती है, जहां अपील निहित है.
– सीआरपीसी की धारा 374 सजा के खिलाफ अपील का प्रावधान देती है. इसलिए राहुल गांधी अभी सजा के खिलाफ सेशंस कोर्ट के समक्ष ही चुनौती दे सकते हैं.
– यदि सेशंस कोर्ट द्वारा कोई राहत नहीं दी जाती है, तो इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.
– जैसा कि मामला कोर्ट के समक्ष लंबित है, वह अपनी सजा पर अंतरिम स्टे और जमानत के रूप में कोर्ट से अंतरिम राहत भी मांग सकते हैं.
अधिवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी को अपनी अपील के साथ सीआरपीसी की धारा 389 के तहत एक आवेदन भी दाखिल करना होगा, जिसमें सजा और दोषसिद्धि को निलंबित करने की मांग की गई हो.